“व्हाइट कॉलर क्राइम्स को समझना: कृतिका, मंशा शर्मा और डॉ. के. पी. सिंह के साथ पुस्तक विमोचन”

एक जानकारीपूर्ण कार्यक्रम में किताब व्हाइट कॉलर क्राइम्स का आधिकारिक रूप से विमोचन किया गया, जिसमें लेखकों कृतिका और मंशा शर्मा के साथ डॉ. के. पी. सिंह आईपीएस (सेवानिवृत्त), हरियाणा पुलिस के पूर्व महानिदेशक, ने संपादक के रूप में योगदान दिया। यह किताब आधुनिक समाज में अपराधों के विकास और जटिलताओं को समझने में मदद करती है, और यह सिखाती है कि हमें केवल साक्षर नहीं, बल्कि शिक्षित बनना चाहिए।
मंशा शर्मा का हिस्सा साइबर क्राइम, साइबर बुलिंग, साइबर सुरक्षा, और मनी रॉबरी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर है, जबकि कृतिका ने भ्रष्टाचार जैसी आम अवैध गतिविधियों पर बात की है। यह किताब सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और कानूनी किताबों पर आधारित है, और इसमें कानून के विभिन्न पहलुओं, लोगों के बीच विश्वास और अपराधियों से निपटने के तरीकों पर चर्चा की गई है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि हर्केश मनुजा, दीपक गुप्ता, और पंकज जैन के साथ अन्य सम्मानित लोग भी मौजूद थे। उनके विचारों ने कार्यक्रम को यादगार और शैक्षिक बना दिया। उन्होंने लेखकों को प्रोत्साहित किया और भविष्य में रेनबो क्राइम जैसे नए विषयों पर चर्चा करने का सुझाव दिया।
यह किताब सरल और समझने में आसान भाषा में लिखी गई है, जिससे कोई भी व्यक्ति, चाहे उसका कानूनी ज्ञान हो या नहीं, इसे आसानी से समझ सकता है। यह किताब एक शैक्षिक उपकरण के रूप में काम करती है, जो पाठकों को कानून, व्हाइट कॉलर क्राइम्स और उनकी समाज में भूमिका के बारे में जानकारी देती है।
यह किताब उन सभी के लिए जरूरी है जो व्हाइट कॉलर क्राइम्स और उनके कानूनी तंत्र, शासन और आम जीवन पर प्रभाव को समझना चाहते हैं।