भिवानी के चौधरी सुरिंदर सिंह मेमोरियल चिड़ियाघर में शेरों का कुनबा बढ़ने लगा है। वीरवार रात 9:14 पर शेरनी गीता ने तीन शावकों को जन्म दिया है।
तीनों के पिता चिड़ियाघर में ही रहने वाले सिंबा हैं। इससे पहले दो अक्तूबर 2023 को भी इसी चिड़ियाघर में गीता ने दो शावकों को जन्म दिया था। वे दोनों भी अब स्वस्थ हैं।
जू के वन निरीक्षक देवेंदर हुड्डा ने बताया कि तीनों शावक 15 से 20 दिन में आंखें खोलेंगे और इधर-उधर घूमना शुरू करेंगे। उनके नर व मादा होने का भी तभी पता चलेगा जब वे खुद बाहर निकलना शुरू करेंगे। अभी शावकों की सुरक्षा को लेकर शेरनी हिंसक हो जाती है। शावकों व उनकी मां की गतिविधियों पर नजर रखने व उनके खान-पान का इंतजाम देखने के लिए सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है।
एक महीने बाद पर्यावरण एवं वन मंत्री राव नरबीर सिंह शावकों का नामकरण करेंगे। 2023 में जन्मे शावकों के नाम कर्मचारियों ने शेरा व सिंघम रखे थे। इन दोनों का जन्मदिन इसी साल दो अक्तूबर को मनाया गया था। पहली बार चिड़ियाघर के अधिकारियों ने दोनों को बड़े बाड़े में भी रखा ताकि आमजन इन्हें देख सके। पहली बार बाड़े में आने के बाद दोनों उछल-कूद करते नजर आए थे। उनके लिए चिड़ियाघर में एक सप्ताह तक दर्शकों की एंट्री भी निशुल्क कर दी गई थी।
चिड़ियाघर के स्टाफ ने जाल के अंदर शावकों के जन्म से पहले ही नई मिट्टी डालकर मखमली फर्श तैयार किया और भोजन-पानी की पूरी व्यवस्था कर दी थी। शावकों की सुरक्षा को लेकर शेरनी हिंसक न हो इसके लिए जाल के आसपास किसी भी व्यक्ति के जाने पर रोक लगा दी। देर रात जू के अंदर जिला वन्य अधिकारी चरणजीत सिंह के निर्देशों पर निरीक्षक देवेंदर हुड्डा व वन्य जीव रक्षक सोमवीर ने शावकों का जन्मोत्सव मनाया।
मुख्य वन्यजीव अभिरक्षक डॉ. विवेक सक्सेना ने बताया कि भिवानी का यह लघु चिड़ियाघर 1982 में स्थापित किया गया था। इसमें एक शेर-शेरनी, पेंथर का जाेड़ा, भालू का जाेड़ा, घड़ियाल, मगरमच्छ, हिरण ब्लैकबक, सांभर, तोते और मोर हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से भारत में शेरों के कुनबे को लगातार बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए देशभर के विभिन्न चिड़ियाघरों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं जिनका अनुसरण हरियाणा में भी किया जा रहा है।