बेंगलुरु एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी, मचा हड़कंप, जांच में ये बात आई सामने

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बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट पर बम की धमकी से हड़कंप मच गया। एक सप्ताह में दूसरी धमकी मिली है। जांच में दोनों ही बार धमकी की बात अफवाह साबित हुई। एक सप्ताह में दूसरी बार एयरपोर्ट पर बम की धमकी वाला फर्जी मेल भेजा गया है। बम की धमकी वाला ईमेल एयरपोर्ट सुरक्षा बल को मिला। इस धमकी भरे मेल में एक आतंकवादी के नाम से दावा किया गया कि “आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी देना गलत था।” और इसका बदला लिया जाएगा।

इस महीने की 13 और 16 तारीख को बम की धमकी वाले 2 ईमेल भेजे गए। दोनों ईमेल में दो बम रखे जाने की चेतावनी दी गई थी और कहा गया कि अगर प्लान ए विफल हो जाता है, तो प्लान बी सक्रिय हो जाएगा। इसमें यह भी दावा किया गया कि एयरपोर्ट के शौचालय की पाइपलाइन के अंदर एक बम रखा गया है।

धमकी मिलने पर गहन जांच की गई और अधिकारियों ने इसे एक अफवाह घोषित किया। जिस ईमेल आईडी से फर्जी बम की धमकी भेजी गई थी, उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और जांच चल रही है। केम्पेगौड़ा एयरपोर्ट पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

विमान में बम की सूचना पर क्या कदम उठाए जाते हैं?

  1. विमान में बम की सूचना मिलने पर विमानन सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत कई कदम उठाए जाते हैं ताकि सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह एक जटिल और समय लेने वाली प्रक्रिया होती है।
  2. धमकी मिलने के तुरंत बाद, प्रत्येक हवाई अड्डे पर एक ‘बम थ्रेट असेसमेंट कमेटी’ (BTAC) का गठन किया जाता है। इसमें हवाई अड्डे के संचालक, CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल), BCAS (नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो) और अन्य संबंधित एजेंसियों के अधिकारी शामिल होते हैं।
  3. अगर किसी खास विमान में बम होने की सूचना मिलती है तो उसकी स्थिति के मुताबिक फैसले लिए जाते हैं। अगर विमान हवा में है तो उसे नजदीकी हवाई अड्डे पर उतारा जाता है या फिर उड़ान भरनेवाला है तो उसे रोक कर उसकी जांच की जाती है।
  4. विमान को तुरंत एयरपोर्ड के एक अलग (आइसोलेटेड) क्षेत्र में ले जाया जाता है। यह क्षेत्र हवाई अड्डे के मुख्य टर्मिनल और अन्य विमानों से दूर होता है ताकि संभावित खतरे को नियंत्रित किया जा सके।
  5. विमान से सभी यात्रियों और क्रू मेंबर्स को विमान से सुरक्षित रूप से उतारा जाता है। इस दौरान, यात्रियों को अक्सर स्थिति की गंभीरता के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी जाती है ताकि घबराहट न फैले। उन्हें केवल ‘तकनीकी समस्या’ या ‘सुरक्षा जांच’ का कारण बताया जाता है।
  6. बम निरोधक दस्ते (Bomb Disposal Squads), स्निफर डॉग्स और उन्नत उपकरणों (जैसे एक्स-रे मशीन) की मदद से विमान की विस्तृत तलाशी ली जाती है। इसमें सामान, कार्गो और विमान के हर कोने की तलाशी ली जाती है।
  7.  यात्रियों के हैंड लगेज और चेक-इन लगेज की भी अलग से जांच की जाती है। पूरी जांच के बाद विमान को पूरी तरह से सुरक्षित घोषित कर दिया जाता है, तभी आगे की कार्यवाही होती है।

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