नशा तस्करों की सिफारिश करने वालों की खैर नहीं! अमन अरोड़ा ने दे दी वॉर्निंग; कहा- किसी को बख्शेंगे नहीं

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 चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश प्रधान और नशे के खिलाफ निगरानी के लिए बनाई निगरानी कमेटी के सदस्य अमन अरोड़ा ने प्रदेश के सभी काउंसलरों, सरपंचों और पंचों को भी सख्त चेतावनी दी कि पुलिस से कोई तस्करों को छोड़ने की सिफारिश न करे अन्यथा सरकार भी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
साथ ही उन्होंने काउंसलरों, सरपंच और नंबरदारों से अपील की वे नशा तस्करों के खिलाफ मुहिम में अपनी सक्रिय भूमिका अदा करें। दलगत राजनीति और व्यक्तिगत संबंधों से ऊपर उठकर नशा तस्करों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाएं और किसी तरह की मदद न करें।
उन्होंने नशे के खिलाफ कार्रवाई की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि, चाहे कोई राजनेता हों, पुलिस अधिकारी हों, या तस्कर हों। ड्रग्स से लाभ उठाकर पंजाब के युवाओं को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
अरोड़ा ने कहा कि ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अब एक जन आंदोलन बन चुका है। उन्होंने बताया कि जनता के सहयोग इस मुहिम के दौरान अब तक प्रदेशभर में बड़ी संख्या में नशा तस्करों को जेल भेजा गया है और भारी मात्रा में नशीले पदार्थ जब्त किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने नशे के खात्मे के लिए द्वि-आयामी रणनीति अपनाई है। एक ओर नशे की आपूर्ति शृंखला को तोड़ने के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है और हवाला के जरिये विदेशों में भेजी जा रही ड्रग मनी को भी रोका जा रहा है। वहीं दूसरी ओर नशा पीड़ितों का पुनर्वास किया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरोड़ा ने शिरोमणि अकाली दल-भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों की सरकारों के दौरान पंजाब में राजनीतिक नेताओं और नशा तस्करों का गठजोड़ था जिससे पंजाब, विशेष रूप से युवा पीढ़ी को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार पिछले तीन वर्षों से लगातार इस गठजोड़ को खत्म कर रही है और अब यह अंतिम अवसर होगा जब इस काले युग का समापन होगा।
अरोड़ा ने घोषणा की है कि पंजाब सरकार जल्द ही अत्याधुनिक एंटी-ड्रोन तकनीक हासिल करेगी, जिससे सीमा पार से नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी के खिलाफ लड़ाई और मजबूत होगी। उन्होंने कहा कि इस उन्नत उपाय को अपनाने वाला पंजाब देश का पहला राज्य होगा। अरोड़ा ने कहा, “पंजाब में 90 प्रतिशत से अधिक नशा ड्रोन के माध्यम से पाकिस्तान से आता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा करना बीएसएफ और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है। नई तकनीक 10 किलोमीटर तक के ड्रोन की पहचान करेगी। ट्रैक करेगी और उन्हें निष्क्रिय कर देगी।
नशे के खात्मे के लिए शुरू की गई मुहिम “युद्ध नशे के विरुद्ध” के 18वें दिन 95 नशा तस्करों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 11 किलो हेरोइन, 7.5 किलो अफीम और 31 हजार ड्रग मनी बरामद की। 

इसी के साथ 18 दिन में गिरफ्तार किए गए कुल नशा तस्करों की संख्या 2,231 हो गई है। डीजीपी गौरव यादव के निर्देशों के तहत राज्य के सभी 28 पुलिस जिलों में मुहिम को एक साथ चलाया गया। 

विशेष डीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) अर्पित शुक्ला ने बताया कि नशे के विरुद्ध युद्ध मुहिम को लोगों का समर्थन मिल रहा है। मालेरकोटला पुलिस ने सिविल प्रशासन के साथ मिलकर गांव फिरोजपुर कोठला, थाना संदौर में एक संपर्क बैठक आयोजित की, जिसमें 40 पंचायतों ने नशे का मिलकर मुकाबला करने और पुलिस-जनता सहयोग को मजबूत करने के लिए प्रस्ताव पारित किया। 

अर्पित शुक्ला ने बताया कि 97 राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में 1,600 से अधिक पुलिस कर्मियों वाली 250 से अधिक पुलिस टीमों ने पूरे राज्य में 539 स्थानों पर छापेमारी की।

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