‘गायकों से मिलने का समय है पर हमसे नहीं…’, PM मोदी की दिलजीत से मुलाकात पर बोले किसान नेता सरवन सिंह पंढेर

उन्होंने कहा कि वह चाहते थे कि पंजाब का कोई बेटा जिसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम है और जो कुछ पंजाबीयत ने उन्हें दिया है, उसे जरूर किसान आंदोलन को लेकर आवाज उठानी चाहिए। ऐसी वह आशा दिलजीत से करते थे।दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता तेजवीर सिंह पंजोखरा ने कहा कि दिलजीत को समझना चाहिए कि आपके हीरो डल्लेवाल हैं जो आमरण अनशन पर बैठे हैं। आपके हीरो यह लोग हैं जो लंगरों में खाना बना रहे हैं, जो 11 महीने से आपकी भलाई के लिए आंदोलन पर बैठे हैं और आपके हक की आवाज बुलंद कर रहे हैं।
पंजोखरा ने कहा कि वास्तव में यह मुलाकात पंजाब के नरेटिव को बदनाम करने की कोशिश है। इसके पीछे फूट डालो और राज करो की नीति है। यह एक पॉलीटिकल स्टंट है। इससे ज्यादा कुछ नहीं।
उधर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को दावा किया कि केंद्र सरकार अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों को “वापस लाने” की कोशिश कर रही है। उन्होंने कृषि विपणन पर राष्ट्रीय नीति ढांचे के नए घोषित मसौदे का हवाला दिया। आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने इस मसौदे को 2020 में पारित तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को “पिछले दरवाजे से” फिर से लागू करने का प्रयास करार दिया है।
किसानों के एक साल के विरोध के बाद 2021 में तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया गया था। सीएम ने यह भी दावा किया कि केंद्र चाहता है कि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, जो 38 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। उन्हें विरोध स्थल से हटा दिया जाए।