पहलगाम हमले के आतंकवादियों की पहचान हुई, ज्यादा दिन जिंदा नहीं रहेंगे…बोले उपराज्यपाल मनोज सिन्हा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कहा कि पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकवादियों की पहचान कर ली गई है और जल्द ही उन्हें मार गिरा दिया जाएगा। मनोज सिन्हा ने गांधी स्मृति में ‘जम्मू-कश्मीर: शांति की ओर’ विषय पर व्याख्यान देते हुए जोर देकर कहा कि कश्मीर घाटी में शांति भंग करने की कोई भी कोशिश कामयाब नहीं होगी। उन्होंने कहा, पहलगाम हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जरिए पाकिस्तान को कड़ी प्रतिक्रिया मिली। हमले को अंजाम देने वालों की पहचान कर ली गई है और मैं पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूं कि अब उनका जिंदा रहना मुश्किल है। अच्छी खबरें जरूर आएंगी, लेकिन कोई निश्चित तारीख बताना उचित नहीं होगा।
मनोज सिन्हा ने कहा कि पिछले पांच साल में विभिन्न आतंकवादी संगठनों के शीर्ष आका भी अब जिंदा नहीं रहे और उनका (आतंकियों का) भी यही हश्र होगा। कश्मीर घाटी के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए एक हमले में आतंकवादियों ने 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले में जान गंवाने वाले लोगों में अधिकतर पर्यटक थे।
हमले के जवाब में भारत ने छह मई देर रात को पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था। पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी स्मृति के उपाध्यक्ष विजय गोयल की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में सिन्हा ने कहा, स्थानीय प्रशासन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से हम जम्मू-कश्मीर को गांधी के सपनों का राज्य बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा पहलगाम आतंकवादी हमले की सुरक्षा विफलता की जिम्मेदारी खुद लिए जाने संबंधी कथित टिप्पणी के लिए ओवैसी ने उन पर निशाना साधा।
ओवैसी ने कहा, सिन्हा घटना के लगभग तीन महीने बाद ज़िम्मेदारी ले रहे हैं। अगर वह इसके लिए ज़िम्मेदार हैं तो उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए। केंद्र की ओर इशारा करते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष ने कहा, पहलगाम का बदला लिया जाना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर जारी रखें। हम आपसे तब तक सवाल करेंगे जब तक वे चार आतंकवादी पकड़े नहीं जाते जिन्होंने 26 भारतीयों को उनका धर्म पूछकर मार डाला। उन्होंने कहा कि पहलगाम मोदी सरकार की सुरक्षा चूक का एक जीता-जागता उदाहरण है।