‘भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्ता सदियों पुराना’, जानिए सुरक्षा परिषद में भारत ने और क्या कहा

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तालिबान को लेकर बड़ा बयान दिया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भारत ने बताया कि हम तालिबान प्रशासन से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। भारत ने कहा कि दोनों देशों के बीच रिश्ता सदियों पुराना रहा है।

संयुक्त राष्ट्र: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को बताया कि उसने तालिबान शासन के साथ द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। भारत ने कहा कि लोगों से लोगों के ‘विशेष’ संबंध भारत और अफगानिस्तान के मौजूदा जुड़ाव का ‘आधार’ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पर्वतनेनी हरीश ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (यूएनएएमए) पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा बैठक में कहा कि इस साल की शुरुआत में विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने दुबई में अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की थी।

हरीश ने परिषद में कहा, ‘‘दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। अफगान पक्ष ने अफगानिस्तान के लोगों के साथ जुड़ने और उनका समर्थन करने के लिए भारतीय नेतृत्व की सराहना की और उन्हें धन्यवाद दिया।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह निर्णय लिया गया कि भारत, अफगानिस्तान में जारी मानवीय सहायता कार्यक्रमों के अलावा निकट भविष्य में विकास परियोजनाओं में शामिल होने पर विचार करेगा।’’

मिस्री और मुत्ताकी के बीच जनवरी में हुई बैठक, 2021 में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से भारत और तालिबान के बीच अब तक का सबसे उच्च स्तरीय संपर्क था। हरीश ने इस बात पर जोर दिया कि भारत और अफगानिस्तान के बीच रिश्ता सदियों पुराना रहा है और अपने पड़ोसी देश के रूप में भारत और अफगानिस्तान के लोगों के बीच एक विशेष रिश्ता है जो ‘‘देश के साथ हमारे वर्तमान जुड़ाव का आधार’’ रहा है। हरीश ने कहा कि भारत अफगानिस्तान की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश में स्थिरता एवं शांति बनाए रखने के लिए क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सक्रिय रूप से शामिल रहा है।

भारतीय दूत ने कहा, ‘‘हमारा व्यापक दृष्टिकोण अफगानिस्तान के लोगों को मानवीय सहायता प्रदान करना और अफगानिस्तान में वास्तविक अधिकारियों एवं अंतरराष्ट्रीय समुदाय के बीच विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के तहत एक अंतरराष्ट्रीय आम सहमति बनाना है।’’ उन्होंने कहा कि दोहा, मॉस्को फॉर्मेट और अन्य मंचों में संयुक्त राष्ट्र की बैठकों में भारत की भागीदारी ‘‘अफगानिस्तान में शांति, स्थिरता और विकास को सुरक्षित करने के हमारे प्रयासों का प्रतिबिंब है।’’

भारत ने संयुक्त राष्ट्र संस्था को बताया कि वह स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, खेल और दक्षता विकास के क्षेत्रों में अफगानिस्तान के लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों के साथ काम कर रहा है। वर्ष 2001 से भारत, अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी विकास साझेदारी में अफगानिस्तान के सभी प्रांतों में फैली 500 से अधिक परियोजनाएं शामिल हैं।’’ अगस्त 2021 से अब तक भारत ने देश को 27 टन राहत सामग्री, 50 हजार टन गेहूं, 40 हजार लीटर कीटनाशक और 300 टन से अधिक दवाइयां तथा चिकित्सा उपकरण दिए हैं।

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