हरियाणा में अनुसूचित जातियों में वर्गीकरण का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, अदालत ने नायब सरकार को भेजा नोटिस
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सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार की ओर से पेश एडिशनल एडवोकेट जनरल ने अदालत को अवगत कराया कि आवश्यक हलफनामा दाखिल किया जा चुका है। हालांकि, उन्होंने आग्रह किया विस्तृत लिखित जवाब दायर करने के लिए उनको समय दिया जाए।
याचिकाकर्ताओं का दावा है कि रिपोर्ट मात्र दो सप्ताह में तैयार की गई। अधिसूचना में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि कौन-सी जातियों को वंचित और सामाजिक रूप से उन्नत श्रेणी में क्यों रखा गया।
बता दें कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ग्रुप सी और ग्रुप डी के पदों की भर्ती प्रक्रिया में बनाई गई वरीयता सूची को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने कहा है कि चयन प्रक्रिया के दौरान किसी ऐसे वरीयता नियम को लागू नहीं किया जा सकता, जो भर्ती विज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लिखित ना हो।
हाईकोर्ट ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती प्रक्रिया में बनाई गई वरीयता सूची को रद्द कर दिया है।हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने ग्रुप सी और डी पदों के लिए एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें आवेदन के लिए कामन एलिजिबिलिटी टेस्ट (संयुक्त पात्रता परीक्षा) उत्तीर्ण करना अनिवार्य था।
लेकिन मुख्य परीक्षा के दौरान आयोग ने एक वरीयता सूची तैयार की, जिसमें कहा गया कि पूर्व सैनिक श्रेणी में दिव्यांग पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दी जाएगी।