चंडीगढ़ में शराब के ठेके की बोली ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, 55 करोड़ 55 लाख रुपये में बिका सेक्टर- 20 का ठेका

चंडीगढ़। सेक्टर 20 के शराब के ठेके की बिड जब शुक्रवार को खुली तो प्रशासन के साथ-साथ अन्य ठेकेदारों की भी आंखें खुली की खुली रह गई। इस ठेके का रिजर्व प्राइस 4 करोड़ 22 लाख रुपये तथा लेकिन इस शराब के ठेके की सबसे ऊंची बोली 55 करोड़ 55 लाख रुपये में लगाई गई।
जबकि अन्य दो ठेकेदारों ने इसकी बिड 5 करोड़ और 6 करोड़ रुपये दी थी। चंडीगढ़ के इतिहास में आज तक कभी भी शहर का कोई शराब का ठेका इतना महंगा नहीं बिका है।
नई आबकारी नीति में 97 शराब के ठेके की साइट तय की गई है जिसमें से 96 शराब के ठेकों की नीलामी पिछले महीने हो चुकी है। सिर्फ सेक्टर 20 का शराब का ठेका बचा था जिसकी नीलामी की बिड शुक्रवार को खोली गई। जिसने यह ठेके की बिड दी है। वह उत्तर प्रदेश के बृजेंद्र सिंह है। पहले ही शराब के टेक की नीलामी को लेकर वाइन कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की हुई है। कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष दर्शन सिंह कलेर ने आरोप लगाया है कि यह शराब का ठेका भी सिंडिकेट ने लिया है। जिन परिवार के सदस्यों ने पहले शहर के अन्य शराब के ठेके लिए हैं उन्होंने ही जानबूझकर सेक्टर 20 के शराब के ठेके की बोली 55 करोड़ रुपये में दी है।
नई आबकारी नीति में 97 शराब के ठेके की साइट तय की गई है जिसमें से 96 शराब के ठेकों की नीलामी पिछले महीने हो चुकी है। सिर्फ सेक्टर 20 का शराब का ठेका बचा था जिसकी नीलामी की बिड शुक्रवार को खोली गई। जिसने यह ठेके की बिड दी है। वह उत्तर प्रदेश के बृजेंद्र सिंह है। पहले ही शराब के टेक की नीलामी को लेकर वाइन कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की हुई है। कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष दर्शन सिंह कलेर ने आरोप लगाया है कि यह शराब का ठेका भी सिंडिकेट ने लिया है। जिन परिवार के सदस्यों ने पहले शहर के अन्य शराब के ठेके लिए हैं उन्होंने ही जानबूझकर सेक्टर 20 के शराब के ठेके की बोली 55 करोड़ रुपये में दी है।
नियम के अनुसार एक सप्ताह के भीतर 15% जमानत राशि और सिक्योरिटी जमा करवानी अनिवार्य है उनका आरोप है कि जिसने यह ठेके की बिड दी है। वह यह राशि जमा नहीं करवाएगा। एक साजिश के तहत जानबूझकर इस शराब के ठेके की इतनी ज्यादा बोली दी गई है।
शराब के ठेके की बोली देने के लिए आवेदक को 25 लाख रुपये की राशि जमा करवानी होती है। ऊंची बोली देने के बाद अगर कोई जमानत राशि जमा नहीं करवाता तो जो 25 लाख रुपये की आगरा में राशि जमा करवाई होती है उसे जब्त कर लिया जाता है।
दर्शन सिंह कलेर का कहना है कि इस मामले में प्रशासन को जांच करके मामला दर्ज करवाना चाहिए। उनका कहना है कि अगर ऊंची बोली दी है तो यह राशि भी जमा होनी चाहिए लेकिन इसकी राशि जमा नहीं करवाई जाएगी ताकि यह शराब का ठेका आगे खाली रह जाए।
संगठन के अध्यक्ष दर्शन सिंह कलेर का कहना है कि वह आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों को भी मिलकर आए हैं। उनका कहना है कि इस बार जो नीलामी हुई है उससे पहले से कम कर रहे सभी ठेकेदार बेरोजगार हो गए हैं जबकि सभी शराब के ठेके इस बार एक ही परिवार के सदस्यों के नाम पर नीलाम हुए हैं जबकि नियमों के अनुसार एक फॉर्म 10 से ज्यादा ठेके नहीं ले सकती।
RAGA NEWS ZONE
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