शिक्षा विभाग की अनदेखी से नाराज़ 2015 बैच के शिक्षक आज भूख हड़ताल पर बैठेंगे, जताया रोष।

2015 में नियुक्त शिक्षकों की सेवाएं अब तक नियमित न किए जाने पर चंडीगढ़ के शिक्षकों का आक्रोश फूट पड़ा है। इस मुद्दे को लेकर जॉइंट टीचर्स एसोसिएशन ने प्रेस क्लब में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और प्रशासन की अनदेखी पर गहरी नाराजगी जाहिर की। एसोसिएशन के अध्यक्ष रणबीर झोरड़ ने बताया कि शिक्षा विभाग की उदासीनता के खिलाफ अब शिक्षक गुरु पूर्णिमा के दिन वीरवार को मस्जिद ग्राउंड, चंडीगढ़ में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक प्रतीकात्मक भूख हड़ताल करेंगे। झोरड़ ने कहा कि सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट दोनों ने शिक्षकों के नियमितीकरण के पक्ष में फैसले दिए हैं, लेकिन शिक्षा विभाग अब तक इन आदेशों को लागू करने में नाकाम रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भले ही सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटीशन) लंबित हो, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश पर कोई स्थगन नहीं है, इसलिए उसे लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अनिश्चितकालीन प्रोबेशन सेवा नियमों का उल्लंघन है और डिपार्टमेंट ऑफ पर्सोनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के नियमों के मुताबिक प्रोबेशन अवधि अधिकतम दो बार ही बढ़ाई जा सकती है।
एसोसिएशन ने सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत 2023 में नियुक्त शिक्षकों को केंद्र सरकार के 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन लाभ न मिलने पर भी कड़ी नाराजगी जताई। साथ ही, पंजाब और हरियाणा से प्रतिनियुक्त होकर आए शिक्षकों की वरिष्ठता को उनकी सेवा अवधि के अनुसार न मानने को संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 तथा सुप्रीम कोर्ट के रूप लाल बनाम दिल्ली सरकार के फैसले का उल्लंघन बताया।