हरियाणा के स्कूलों में 9वीं और 10वीं के क्लास का बदला सिलेबस, अब 6 नहीं पढ़ने होंगे इतने सब्जेक्ट

सरकारी और प्राइवेट दोनो स्कूलों पर होगा लागू
हरियाणा के शिक्षा मंत्री महीपाल सिंह ढांडा ने पिछले दिनों राष्ट्रीय शिक्षा नीति को राज्य में लागू करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की थी। पूर्व की मनोहर सरकार के समय ही साल 2025 तक राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने का निर्णय लिया जा चुका है।
अब भाषा को अनिवार्य कर दिया गया है। भिवानी बोर्ड के अंतर्गत आने वाले स्कूलों में दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को अंग्रेजी, हिंदी, गणित, साइंस (विज्ञान) तथा सामाजिक विज्ञान पहले की तरह अनिवार्य तौर पर पढ़ने होंगे।
संस्कृत, पंजाबी और उर्दू में से किसी एक विषय का चुनाव नौवीं व दसवीं के विद्यार्थियों को करना होगा। सातवें विषय के रूप में वोकेशनल विषयों को शामिल किया गया है।
2026-27 के सत्र से 700 नंबर के होंगे पेपर
इनमें फिजिकल एजुकेशन, ड्राइंग, म्यूजिक, होम साइंस, पेशेंट केयर, आईटी, टूरिज्म, आतिथ्य सत्कार के अलावा कौशल विकास पर आधारित विषय होंगे। इनमें से कोई भी एक विषय विद्यार्थियों को चुनना होगा। इसका मतलब है कि अगले सत्र से नौवीं और 2026-27 के सत्र से दोनों कक्षाओं के पेपर 700 नंबर के होंगे।
हरियाणा के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल की ओर से इस संदर्भ में सभी जिला शिक्षा व मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए गए हैं।
एससीईआरटी गुरुग्राम के निदेशक तथा भिवानी बोर्ड के सचिव को भी पत्र भेज दिया गया है, ताकि वे अगले शैक्षणिक सत्र से इन निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित कर सकें। फैसले की जानकारी सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) तथा शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा को भी दे दी गई है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर सरकार का फोकस
शिक्षा मंत्री महीपाल ढांडा का कहना है कि हरियाणा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया जा रहा है। इस नीति के तहत स्कूलों के इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी सुधार किया जा रहा है।
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने पर सरकार का फाेकस है। नौवीं और दसवीं कक्षाओं में सात विषय पढ़ाए जाएंगे। विदेशी भाषाओं को भी पाठ्यक्रम में शामिल करेंगे ताकि विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अच्छे से तैयार किया जा सके।