सुप्रीम कोर्ट के वकील ने WhatsApp पर किया ऐसा मैसेज जिसने सबको चौंका दिया, संदेश के बाद मचा हड़कंप।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने चार दशक से अधिक समय तक वकालत करने के बाद इस पेशे से संन्यास लेने का फैसला किया है। खास बात है कि उन्होंने यह फैसला अचानक लिया और व्हाट्सऐप पर सूचित किया गया। दवे ने व्हाट्सऐप संदेश में कहा, ‘बार में 48 शानदार वर्ष बिताने और हाल ही में अपना 70वां जन्मदिन मनाने के बाद, मैंने कानून का पेशा छोड़ने का निर्णय लिया है।’ दवे के पिता न्यायमूर्ति अरविंद दवे गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायाधीश थे। दवे का जन्म 27 अक्टूबर, 1954 को हुआ था। उन्होंने 1978 में गुजरात में अपनी वकालत शुरू की और बाद में 1980 के दशक के मध्य में दिल्ली आकर उच्चतम न्यायालय के एक शीर्ष वकील का मुकाम हासिल किया। उन्हें 1998 में उच्चतम न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता का दर्जा दिया।
न्यूज़ चैनल से से बातचीत में उन्होंने बताया, ‘वकील के तौर पर मेरा कार्यकाल शानदार रहा। मैंने 250 रुपये महीने से शुरुआत की थी और पहला घर हाईकोर्ट के पियून के साथ शेयर किया था। कुछ समय के बाद आपको लगने लगता है कि आपने बहुत कर लिया। चीजें खराब होने से अच्छा है, जब आप चरम पर हैं तब ही छोड़ दें। मैं 75 या 80 साल का होकर कोर्ट नहीं जाना चाहता, जहां मुझे सुनने में परेशानी हो रही हो और मेरी आंखें बहुत मजबूत ना हों और पैर कमजोर हो गए हों।’ उन्होंने कहा है कि अब वह, ‘आवास, कृषि, शिक्षा या ऐसे ही कुछ ग्रामीण लोगों की मदद करेंगे। पढ़ना मेरा जुनून है, संगीत, गोल्फ, यात्रा और परिवार के साथ समय बिताना भी। मेरे चार सुंदर पोते पोतियां हैं।’ उन्होंने कहा कि यह फैसला काफी आसान था। उन्होंने बताया कि परिवार ने कहा था कि दो साल और रुककर 50 पूरे होने पर छोड़ देना, लेकिन ‘मैं किसी मील के पत्थर की तलाश में नहीं हूं।’