पीजीआई में हड़ताल जारी: दो हजार से अधिक कर्मचारी बैठे हड़ताल पर, मरीजों को दी जा रही है जबरन छुट्टी
पीजीआई हॉस्पिटल में मरीजों की दिक्कतें दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हॉस्पिटल तीसरे दिन भी हॉस्पिटल अटेंडेंट्स की हड़ताल जारी है। इस हड़ताल से जहां एक तरफ दाखिल मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं नए मरीजों को दाखिल नहीं मिल रहा है। इस हड़ताल में किचन स्टाफ भी समर्थन में है, जिस चलते मरीजों को पूरी डाइट नहीं मिल रही है और साथ ही मरीजों को दही-खिचड़ी प्रदान की जा रही है। वहीं सेनिटेशन अटेंडेंट्स भी हड़तालियों के समर्थन में हैं, जिस दौरान सफाई भी नहीं हो रही है।
पीजीआई में क्यों हो रही है हड़ताल ?
हॉस्पिटल के 600 एचए हड़ताल कर रहे हैं जिसमें सेनिटेशन स्टाफ और किचन स्टाफ भी शामिल है। इन सबको मिलाकर कुल 2 हजार कर्मचारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं। इस हड़ताल को करने के पीछे कर्मचारियों की मांग है कि उनके वेतन में बढ़ोतरी हो और साथ ही 2018 से एरियर की जाए। इस हड़ताल के दौरान कई एडमिट मरीजों को जबरन छुट्टी दी जा रही है। पीजीआई पहले ही पड़ोसी राज्यों को कह चुका है कि अपने यहां से मरीजों को फिलहाल पीजीआई में न भेजें।
गंदगी के पास पड़े हैं मरीज
हड़ताल के दौरान हॉस्पिटल में दो दिन से सफाई नहीं हुई है और मरीज गंदगी के पास ही पड़े हुए हैं। यूरोलॉजी वार्ड में एडमिट समाना की कुलबीर ने कहा कि कल से कोई सफाई कर्मी नहीं आया है। पति को किडनी डोनेट की है, लेकिन सफाई न होने से इंफेक्शन का खतरा बना हुआ है। वार्ड में पीजीआई की तरफ से जो खाना दिया जाता है, उसमें चपाती नहीं दी गई। शुक्रवार शाम को भी खिचड़ी और दाल दी गई थी। वहीं झारखंड की रहने वाली पारो देवी को किडनी में कैंसर था। उसका ऑपरेशन हो चुका है। बेटे ने कहा कि कल से सफाई नहीं हुई है। चारों तरफ गंदगी फैली हुई है। ऐसे इंफेक्शन होने का खतरा है।