अब तक 132 की मौत, 453 सड़कें बंद…. हिमाचल में जोखिम भरा हुआ सफर, 782 रूट पर बस सेवा भी ठप

प्रदेश में रविवार रात से जारी भारी वर्षा से प्रदेश के कई जिलों में नुकसान हुआ है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्ग समेत 468 सड़कें बंद (Himachal Disaster) हैं। मंडी जिले में 310, सिरमौर में 52, चंबा में 39 व कुल्लू में 33 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी में दो और कुल्लू में एक एनएच भी बंद है।
मंडी में 390, सोलन में 259, चंबा में 214, सिरमौर में 169 व कुल्लू में 111 ट्रांसफार्मर ठप होने से बिजली आपूर्ति बाधित है। कांगड़ा जिले में 151 पेयजल योजनाएं ठप हैं।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश (Himachal Disaster) में 676 पेयजल परियोजनाएं प्रभावित हैं। राज्य सरकार को आपदा में 1,200 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
भूस्खलन (Himachal Landslide) से प्रदेश में यातायात बाधित होने से हिमाचल पथ परिवहन निगम को भारी नुकसान हुआ है। सोमवार को प्रदेश में 782 रूट पर बस सेवा बंद रही।
सड़कें बंद होने से बसें जगह-जगह खड़ी हैं। प्रदेशभर में वर्षा के कारण सड़कें बंद होने से 279 रूट पर निगम की बसें नहीं भेजी गईं।
शिमला डिवीजन के 393 रूट प्रभावित हुए हैं। बसें न चलने से एचआरटीसी (HRTC Buses Service Stop) की प्रतिदिन की कमाई आधी हो चुकी है। आम दिनों में निगम की प्रतिदिन की कमाई 2.80 से 2.90 करोड़ रुपये तक होती है। बरसात के कारण प्रतिदिन कमाई 1.50 करोड़ रुपये रह गई है।
प्रदेश में मानसून सीजन में अब तक विभिन्न कारणों से 132 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 34 लोग लापता हैं। मंडी व कांगड़ा में 21-21 लोगों की मौत हुई है। अब तक 393 मकान, 276 दुकानें व 1,007 पशुशालाओं तबाह हो चुकी हैं। करीब 1235 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। मंडी जिले में सबसे अधिक तबाही हुई है।