हरियाणा के लोगों को झटका: प्रदेश में 3 साल बाद महंगी होगी बिजली, सरकार ने बताई ये वजह

हरियाणा में कल से बिजली महंगी होनी की संभावना जताई जा रही है। इसके पीछे की वजह बिजली निगम को हुए 4,520 करोड़ का घाटा बताया जा रहा है। इस घाटे की भरपाई के लिए हरियाणा बिजली विनियामक आयोग (HERC) की ओर से नए वित्तीय साल में बिजली की दरों को बढ़ाने की परमिशन मांगी गई है। ऐसा कहा जा रहा है कि इसे लेकर सरकार की ओर से भी मंजूरी मिल सकती है। अगर ऐसा होता है तो 3 साल बाद बिजली की दरों में बढ़ोतरी होगी। इससे पहले सरकार फ्यूल सरचार्ज एडजस्टमेंट (FSA) को भी एक साल के लिए बढ़ा चुकी है।
साल 2022 में बढ़े थे रेट
हरियाणा में बिजली की दरें 1 अप्रैल से लागू की जाती हैं, पिछले 3 साल से बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है। आखिरी बार 2022-23 में 150 यूनिट तक के लिए 25 पैसे प्रति यूनिट को बढ़ाया गया था। अभी दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में 12.37% और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम का में 9.15% लाइन लास है। HERC के चेयरमैन नंद लाल शर्मा आपरेशनल दक्षता को बढ़ाने और औसत आपूर्ति लागत (ACC) और औसत राजस्व वसूली (ARR) के बीच के अंतर को कम करने के लिए पहले ही निर्देश दे चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि बिजली निगमों की कार्यकुशलता में सुधार हो गया, वहीं थोड़ी राहत देते हुए बिजली शुल्क टैरिफ में आंशिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी जा सकती है।
हरियाणा सरकार ने FSA को 2026 तक पहले ही बढ़ा दिया गया है। बिजली उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट बिजली बिल के हिसाब से 47 पैसे अतिरिक्त FSA देना होगा। 200 यूनिट से ज्यादा बिजली की खपत पर
94.47 रुपए अतिरिक्त भुगतान करना होगा। इस फैसले के पीछे की वजह निगमों पर बढ़ रहे डिफाल्टिंग अमाउंट बताया गया है। हालांकि 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को FSA का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
सरकार ने किया था मासिक शुल्क माफ
बताया जा रहा है कि हरियाणा सरकार ने जून 2024 में मासिक शुल्क को माफ कर दिया था। जिसके बाद से प्रदेश में जिन घरों में 2 किलोवाट तक के मीटर लगे हैं, उन्हें केवल खर्च की गई यूनिट का ही बिजली बिल भरना पड़ रहा है। सरकार के इस फैसले से करीब साढ़े 9 लाख बिजली उपभोक्ताओं को फायदा हुआ था। पहले बिजली विभाग की ओर से उपभोक्ताओं से प्रति किलोवाट 115 रुपए मासिक शुल्क वसूल किया जाता था। खर्च की गई यूनिट के पैसों के साथ यह शुल्क जुड़ने से बिल भी बढ़ जाता था। हरियाणा सरकार ने मासिक शुल्क माफ करने की ये घोषणा बजट में की थी।