Rules Change: रेलवे टिकट बुकिंग, UPI पेमेंट समेत आज से 8 नियमों में बदलाव, गैस सिलैंडर हुआ महंगा

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अक्टूबर के पहले दिन यानि आज 1 अक्टूबर से कई बड़े बदलाव हो रहे हैं। इसमें जनरल रिजर्वेशन टिकट की ऑनलाइन बुकिंग के लिए आधार वेरिफिकेशन जरूरी होने से लेकर NPS के नियमों में बदलाव शामिल है।

इसके अलावा पेट्रोलियम कंपनियों ने 19 किलो वाले कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम ₹16.50 रुपए तक बढ़ा दिए हैं। दिल्ली में इसकी कीमत बढ़कर ₹1595.50 हो गईं।

आज से शुरू हुए अक्टूबर महीने के साथ ही कई वित्तीय और गैर-वित्तीय बदलाव लागू होने जा रहे हैं। इसमें यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से लेकर रेलवे टिकट बुकिंग तक होने वाले बदलाव शामिल हैं। इन बदलावों का सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा।

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम फोनपे, गूगल पे और पेटीएम जैसे यूपीआई प्लेटफॉर्म पर पर्सन टू पर्सन (पी2पी) ‘कलेक्ट रिक्वेस्ट’ या ‘पुल ट्रांजेक्शन’ सुविधा बंद कर देगा।

इसका मतलब यह हुआ कि अब आप किसी से रिक्वेस्ट करके पैसे नहीं मंगा सकेंगे। इस कदम का उद्देश्य यूजर सुरक्षा को बढ़ाना और ऑनलाइन धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना है।

गैर-सरकारी अंशधारक अब मल्टीपल स्कीम फ्रेमवर्क (एमएसएफ) के तहत इक्विटी से संबंधित योजनाओं में अपनी पेंशन राशि का 100 प्रतिशत तक निवेश कर सकेंगे। पहले यह सीमा 75 प्रतिशत थी। इसके साथ ही प्रान (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) खोलने और रखरखाव के शुल्क में भी संशोधन किया गया है।

सरकारी कर्मचारियों के लिए ई-प्रान किट के लिए 18 रुपये और भौतिक प्रान कार्ड के लिए 40 रुपये शुल्क लिया जाएगा। निजी और सरकारी क्षेत्र के एनपीएस अंशधारकों के लिए शुल्क अलग-अलग होंगे।

एक अक्टूबर से ऑनलाइन रिजर्वेशन विंडो खुलने के बाद पहले 15 मिनट सिर्फ आधार सत्यापित यूजर ही आरक्षित टिकट बुक करा सकेंगे। दुरुपयोग को रोकने और बुकिंग को सुव्यवस्थित करने के लिए इस नियम का एलान किया गया है।

पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक अक्टूबर से ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े नियमों में भी बदलाव होगा। इसमें आयु सीमा और लाइसेसिंग आवश्यकताओं से जुड़े नियम शामिल हैं।

सार्वजनिक क्षेत्र का पंजाब नेशनल बैंक (PNB) एक अक्टूबर से अपने लाकर और कुछ अन्य सेवाओं के शुल्क में बढ़ोतरी करने जा रहा है। इससे बैंक में लॉकर रखना महंगा हो जाएगा। इसके अलावा नामांकन शुल्क में भी बढ़ोतरी होगी।

एक अक्टूबर से डाक विभाग के जरिये स्पीड पोस्ट भेजने पर ज्यादा पैसा खर्च करना होगा। इसका कारण यह है कि विभाग इस सेवा का शुल्क बढ़ाने जा रहा है।

इसके अलावा स्पीड पोस्ट ओटीपी आधारित डिलिवरी प्रणाली से भी जुड़ जाएगी। इस उद्देश्य स्पीड पोस्ट की प्राप्तकर्ता के सत्यापन के बाद ही डिलिवरी करना है।

तेज भुगतान की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए आरबीआई चार अक्टूबर से निरंतर चेक समाशोधन की सुविधा शुरू करेगा। कई रिपोर्टों के अनुसार, यह सुविधा दो चरणों में लागू होगी। पहले चरण में यह चार अक्टूबर से दो जनवरी 2026 तक लागू होगी। दूसरा चरण तीन जनवरी 2026 से शुरू होगा।

अक्टूबर महीने में दशहरा, दिवाली और छठ पूजा जैसे त्योहारों सहित 21 दिन बैंक बंद रहेंगे। हालांकि, यह अवकाश राज्यवार अलग-अलग होंगे। ऐसे में लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बैंकिंग गतिविधियों की योजना उसी के अनुसार बनाएं।

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