पढ़िए दिलचस्प वाकया…भारत के वेटर ने व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव से क्या कहा?

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट जब कतर की राजधानी दोहा में सुबह का नाश्ता कर रही थीं तो एक दिलचस्प वाकया हुआ. कैरोलिन लेविट राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कतर दौरे के वक्त दोहा में थीं. इस दौरान जब एक सुबह वे नाश्ता कर रही थीं तो होटल का वेटर उनके पास आया. ये वेटर कैरोलिन लेविट पहचानता था और उनके काम से भी अवगत था. इस वेटर ने कैरोलिन लेविट से कहा कि वे उनके तरफ से राष्ट्रपति ट्रंप को थैंक्यू कहे. एक वेटर द्वारा अमेरिका के राष्ट्रपति को थैंक्यू कहा जाना थोड़ा लीक से हटकर था. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने तत्काल इस वेटर से पूछा- ऐसा क्यों?
कैरोलिन लेविट के इस सवाल पर वेटर ने जो जवाब दिया वो अंतर्राष्ट्रीय राजनीति और उसके प्रभाव की दिलचस्प कहानी कहता है. कैरोलिन लेविट के इस सवाल पर इस वेटर ने अपने मन की बात कही. कैरोलिन लेविट के अनुसार इस वेटर ने कहा कि वो कश्मीर से है, और भारत-पाकिस्तान के संबंधों में पैदा हुए तनाव की वजह से कश्मीर लौट नहीं पा रहा है. लेकिन अब भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की वजह से ये वेटर कश्मीर लौट पाएगा. इस वेटर ने माना कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करवाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को उचित श्रेय नहीं मिल पा रहा है. उनके कोशिश की वजह से ही दक्षिण एशिया में परमाणु युद्ध होते-होते बच गया.
कैरोलिन लेविट ने ट्वीट कर बताया कि उस वेटर को बता दिया गया कि अब वो कश्मीर लौट पाएगा. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव ने अपने राष्ट्रपति की तारीफ कहते हुए एक्स पर लिखा, “राष्ट्रपति ट्रंप को दुनिया भर में कई संघर्ष विरासत में मिले हैं और वह एक-एक करके उनसे निपट रहे हैं. मध्य पूर्व की इस ऐतिहासिक यात्रा ने इस क्षेत्र में अमेरिकी विदेश नीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ को चिह्नित किया है जो अंततः मध्य पूर्व के स्वर्ण युग की शुरुआत करेगा! शक्ति के माध्यम से शांति बहाल हो रही है!”
बता दें कि जब भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले के जवाब में 7 मई की रात को पाकिस्तान और पीओके स्थित आंतकी कैंपों पर हमला किया तो पाकिस्तान ने भारत के कई शहरों में हमला करने की नाकाम कोशिश की. 9-10 को भारत ने पाकिस्तानी हमले के सघन प्रत्युतर दिया. इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव शीर्ष स्तर पर पहुंच गया. इसके बाद पाकिस्तान की अपील पर ट्रंप ने नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच “युद्धविराम” की मध्यस्थता की. भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक सीमा पार से ड्रोन और मिसाइल हमलों के बाद संघर्ष को समाप्त करने के लिए 10 मई को सहमति बनी हालांकि भारत ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशकों (DGMO) ने किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी के बिना भूमि, वायु और समुद्र पर सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए सहमति बनाई है.