रेप केस: हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, आरोपी की फांसी की सजा बदलकर 25 साल कारावास किया

भोपाल: क्या आपने कभी सुना है कि एक हैवान, जिसने मासूम बच्ची से रेप के बाद उसका गला घोंट दिया हो और कोर्ट ने उसको सजा-ए-मौत दे दी हो? हो सकता है आपने ये सुना भी हो, लेकिन क्या कभी किसी रेप के आरोपी को मिली मौत की सजा को बदलते हुए देखे हैं? अगर नहीं तो जान लें। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने चार साल की बच्ची से रेप करने वाले दोषी को राहत दे दी है। कोर्ट ने दोषी की मौत की सजा को कम करके उसे 25 साल की जेल की सजा में बदल दिया है। कोर्ट ने इसका कारण भी बताया है। इसके अलावा कोर्ट ने दोषी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। आइए जानते हैं पूरा मामला क्या है…
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने चार वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म के दोषी की मौत की सजा को 25 वर्ष के सश्रम कारावास में बदल दिया। कोर्ट ने दोषी की मौत की सजा को बदलते हुए इसका कारण भी बताया है। कोर्ट का कहना है कि दोषी युवक अशिक्षित है और एक गरीब आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखता है। कोर्ट ने दोषी पर अपने आदेश में 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल और न्यायमूर्ति देवनारायण मिश्रा की खंडपीठ ने स्वीकार किया कि अपीलकर्ता (अदालत ने नाम का खुलासा नहीं किया) ने एक क्रूर कृत्य किया क्योंकि उसने एक चार साल की मौसूम बच्ची से रेप किया और उसका गला घोंट कर उसे मरने के लिए छोड़ दिया। पीठ ने साथ ही यह भी कहा, दोषी 20 वर्षीय अशिक्षित युवक है व आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखता है और उसके माता-पिता ने कभी उसे शिक्षा देने की कोशिश नहीं की। कोर्ट ने कहा कि उसकी ठीक से देखभाल नहीं की गयी इसलिए दोषी ने अपना घर छोड़ दिया और एक ढाबे में रह कर काम कर रहा था। पीठ ने कहा कि ढाबे का माहौल अच्छी परवरिश के लिए अनुकूल नहीं हो सकता इसलिए अदालत ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की धारा 6 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दंडनीय अपराध के लिए उसकी मौत की सजा को 25 वर्ष के सश्रम कारावास में बदल दिया। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की पॉक्सो अदालत ने 21 अप्रैल, 2023 को दोषी युवक को मौत की सजा सुनाई थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, दोषी ने 30-31 अक्टूबर, 2022 की दरमियानी रात बच्ची को उसकी झोपड़ी से अगवा कर उससे रेप किया। अभियोजन पक्ष ने बताया कि बच्ची बेहोशी की हालत में मिली थी।