Ram Rahim Parole: राम रहीम की पैरोल पर HC का सवाल, गंभीर मामलों के दोषियों को बार-बार क्यों दी जाती है छूट?
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने के मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में एसजीपीसी (Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee) की ओर से कोर्ट में लगाई गई याचिका पर हुई सुनवाई हुई. बलात्कार व हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम को आखिरी बार (9वीं बार) 50 दिन की पैरोल दी गई थी, जो कि 10 मार्च को खत्म हो जाएगी. आपको बता दें कि राम रहीम को कुल 9 बार पैरोल दी जा चुकी है, जिसमें से पिछले 2 साल में 7 बार जेल से बाहर आ चुका है राम रहीम.
गुरमीत राम रहीम को बार-बार पैरोल दिए जाने के मामले को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में एसजीपीसी की ओर से कोर्ट में लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई. याचिका में कहा गया था कि बार-बार गंभीर मामलों में सजा काट रहे व्यक्ति को पैरोल क्यों दी जाती है?
इसमें हरियाणा सरकार का जबाब था कि राम रहीम की पैरोल 10 मार्च को खत्म हो रही है. कोर्ट ने कहा उस दिन राम रहीम को सरेंडर करना होगा. साथ ही कोर्ट ने सरकार से कहा कि अगली बार बिना कोर्ट की इजाजत राम रहीम को पैरोल के नहीं दी जाएगी. साथ ही फटकार भी लगाई और जवाब मांगा कि हरियाणा सरकार बताए कि जानकारी दें कि और कितने ऐसे लोगों को इस तरह की पैरोल दी गई है.
जानें कब-कब जेल से बाहर आया गुरमीत राम रहीम?
– 50 दिन की पैरोल दिए जानें से पहले राम रहीम को 21 नवंबर 2023 में 21 दिन की पैरोल गी गई. 2023 में राम रहीम की जेल से यह तीसरी अस्थायी रिहाई थी.
– इससे पहले 30 जुलाई 2023 को 30 दिन की पैरोल पर सुनारिया जेल से बाहर आए थे.
– इससे पहले उन्हें जनवरी 2023 में 40 दिन की पैरोल दी गई थी.
– अक्टूबर 2022 में भी उन्हें 40 दिन की पैरोल दी गई थी.
– जून 2022 में एक महीने की पैरोल पर जेल से बाहर आया था
– 7 फरवरी 2022 से तीन सप्ताह की पैरोल दी गई थी.
जानें राम रहीम क्यों काट रहा है सजा?
– आपतो बता दें कि राम रहीम अपनी ही दो शिष्याओं से बलात्कार के आरोप में 20 साल की जेल की सजा काट रहा है.
– वहीं 2021 में डेरा प्रमुख को चार अन्य लोगों के साथ डेरा प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या की साजिश रचने के लिए भी दोषी ठहराया गया था.
– डेरा प्रमुख और तीन अन्य को 16 साल से अधिक समय पहले एक पत्रकार की हत्या के लिए 2019 में दोषी ठहराया गया था.