शिबू सोरेन के सम्मान में राज्यसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित की गई।

राज्यसभा के मौजूदा सदस्य एवं झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के संस्थापक दिवंगत शिबू सोरेन के सम्मान में उच्च सदन की बैठक सोमवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई। सोरेन का लंबी बीमारी के बाद आज सुबह निधन हो गया। 81 वर्षीय सोरेन का गुर्दे संबंधी समस्याओं के कारण एक महीने से ज्यादा समय से दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज किया जा रहा था। उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर उपसभापति हरिवंश ने सोरेन के निधन का जिक्र करते हुए कहा कि 11 मई 1944 को झारखंड के हजारीबाग जिले के निमरा गांव में जन्मे सोरेन ने वहीं के गोला हाईस्कूल से मैट्रिक तक की शिक्षा ली। उन्होंने कहा कि पेशे से किसान सोरेन जाने माने आदिवासी नेता थे। हरिवंश ने कहा, ‘‘बिशोम गुरू कहे जाने वाले सोरेन आम लोगों के बीच गुरूजी के नाम से लोकप्रिय थे। सोरेन जमीनी कार्यकर्ता थे जिनकी झारखंड राज्य के लिए हुए आंदोलन में अहम भूमिका थी।’’ उपसभापति ने कहा कि आजीवन आदिवासियों के कल्याण के लिए काम करने वाले सोरेन आठ बार लोकसभा के सदस्य रहे। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ और विशिष्ट आदिवासी नेता सोरेन आदिवासी समुदायों के अधिकारों और उत्थान के लिए प्रमुख स्वर थे।