हिमाचल प्रदेश में बारिश से तबाही: तीन की मौत, एक व्यक्ति के लापता होने की खबर

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हिमाचल प्रदेश में रातभर हुई भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आ गई और बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ, जिससे एक ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत हो गई और मंडी जिले में एक बस स्टैंड जलमग्न हो गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। मंडी जिले में बाढ़ के कारण कई बसें और अन्य वाहन बह गए और एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है। जिले के ब्रागटा गांव में भूस्खलन के कारण एक मकान ढह गया, जिसमें दो महिलाओं और एक बच्चे की मौत हो गई। मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि तीन शव बरामद किए गए हैं, जबकि दो लोगों को बचा लिया गया है। गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को निकटतम अस्पताल ले जाया गया। मंडी जिले के धरमपुर क्षेत्र में सोमवार देर रात अचानक आई बाढ़ से मुख्य बस स्टैंड और आसपास के व्यावसायिक प्रतिष्ठान जलमग्न हो गए। बाढ़ के पानी ने सार्वजनिक अवसंरचना और निजी संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसमें कुछ हिमाचल सड़क परिवहन निगम (एचआरटीसी) की बसें बह गईं और आस-पास के घर, दुकानें और कई वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।

एक व्यक्ति बाढ़ में लापता बताया गया है, जिसकी तलाश जारी है। दुकानदारों और स्थानीय निवासियों को भारी नुकसान हुआ, बाढ़ का पानी दुकानों में घुस गया, जिससे माल और बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार नुकसान कई करोड़ रुपये का है। अधिकारियों ने बताया कि बारिश के कारण सोन और भरांद नालों में बाढ़ आई, जिससे बस स्टैंड, एक कार्यशाला, पंप हाउस, दुकानों और 20 से अधिक बसों को नुकसान पहुंचा। उपमुख्यमंत्री और परिवहन मंत्री का भी कार्यभार संभाल रहे मुकेश अग्निहोत्री ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, “धरमपुर बस स्टैंड, दो दर्जन से अधिक एचआरटीसी बसों, दुकानों, पंप हाउस और कार्यशाला को नुकसान पहुंचा है।” शिमला में जहां सोमवार शाम से 12 घंटों में 141 मिमी बारिश हुई, हिमलैंड के पास भूस्खलन के कारण कई वाहन मलबे में दब गए और मुख्य सर्कुलर रोड अवरुद्ध हो गया, जिससे स्कूल जाने वाले बच्चों को परेशानी हुई।

गौतम और राहुल शुक्ला ने बताया, “भारी बारिश हो रही थी और रात करीब एक बजे हमने पेड़ों और मलबे के गिरने की तेज आवाज सुनी और तुरंत अपने वाहनों को वहां से हटाकर भागे।” ये दोनों भूस्खलन के समय हिमलैंड के पास खड़ी अपनी गाड़ी में सो रहे थे। अधिकारियों ने कहा कि बीसीएस-विकास नगर, पीएमटी कॉलोनी, झंझरी और शहर के अन्य हिस्सों में भी बारिश के कारण भूस्खलन और पेड़ गिरने की घटनाएं हुई हैं। पुनर्स्थापना कार्य जारी है। मौसम विभाग ने बताया कि राज्य के कई हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई और शिमला में सोमवार शाम से 141 मिमी बारिश हुई, जबकि नगरोटा सूरियां में 135.2 मिमी, भटियात में 80 मिमी, सुंदरनगर में 60.5 मिमी, ब्राह्मणी में 54.4 मिमी, गुलेर में 54.2 मिमी, मंडी में 52.6 मिमी, कांगड़ा में 50.5 मिमी और मेहरे बरसर में 50 मिमी बारिश हुई। विभाग ने कहा कि शिमला, जुब्बरहट्टी, कांगड़ा, भुंतर, जोट, मुरारी देवी और सुंदरनगर में गरज के साथ बारिश हुई, जबकि बिलासपुर, बाजौरा और कुफरी में 31 से 37 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चली।

मंगलवार सुबह तक राज्य में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों एनएच 3 (अटारी-लेह रोड), एनएच 305 (औट-सैंज रोड) और एनएच-503ए (अमृतसर-भोटा रोड) सहित 650 सड़कें बंद थीं। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार लगभग 1250 बिजली ट्रांसफॉर्मर और 160 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। राज्य में मानसून के शुरू होने से अब तक 20 जून से 16 सितंबर तक बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कुल 412 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 41 अभी भी लापता हैं। बारिश से 232 और सड़क दुर्घटनाओं में 180 लोगों की मृत्यु हुई है। अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में अब तक बादल फटने की 46, अचानक बाढ़ आने की 97 और भूस्खलन की 140 घटनाएं हुई हैं और राज्य को कुल 4504 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। राज्य में एक जून से 16 सितंबर तक जारी मानसून के दौरान 692.1 मिमी की सामान्य वर्षा की तुलना में 1010.9 मिमी औसत वर्षा हुई, जो 46 प्रतिशत अधिक है।

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