उन्होंने कहा कि कांग्रेस पिछली तीन टर्म से केंद्र में अपनी सरकार बनने का इंतजार कर रही है जबकि प्रदेशों में उनकी कारगुजारी शून्य है। हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश और बिहार के नतीजे सबके सामने हैं।

जबकि नवजोत सिंह सिद्धू को जब पिछली सरकार में स्थानीय निकाय और बिजली महकमे का प्रभार दिया था तो उन्होंने लोगों के लिए काम क्यों नहीं किया?मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सत्ता में आते ही छह सौ यूनिट लोगों को निशुल्क दिया है, सिद्धू चाहते थे तो वह भी ऐसा कर सकते थे, अगर उनके मुख्यमंत्री कैप्टन अमर

पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के उस बयान की भी मुख्यमंत्री ने तीखी आलोचना की जिसमें चन्नी ने कहा है कि जिला परिषद और ब्लाक समिति के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने सौ सौ बेल्ट पेपर पहले से ही आप के चुनाव चिन्ह पर मुहर लगाकर भेज दिए हैं।

काबिले गौर है कि कल रविवार को पंजाब में जिला परिषद और ब्लाक समिति के लिए मतदान होना है उससे पहले चन्नी के इन आरोपों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पार्टियों को अपनी हार साफ दिखाई दे रही है जिस कारण वह इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पहले कह रहे थे कि उन्हें नामांकन नहीं करने दिए गए अब कह रहे हैं बेल्ट पेपर अपने छपवा लिए हैं। आखिर ये चाहते क्या हैं? अगर इन्हें ऐसा लग रहा है कि हमने अपने बेल्ट पेपर छपवा लिए हैं तो ये चुनाव का बहिष्कार क्यों नहीं कर देते?

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर चुनाव ईवीएम पर होते हैं तो भी इन्हें ऐतराज है और ये चुनाव बेल्ट पेपर पर हो रहे हैं तो भी ये हमें गालियां दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अपनी हार को लेकर कांग्रेस को आत्म चिंतन करने की जरूरत है न कि इस तरह के आरोप लगाने की।

भगवंत मान ने पंजाब में हुए विधानसभा के उपचुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी एक बरनाला को छोड़कर सभी चुनाव हार गई है जबकि अकाली दल चार सीटों पर अपने उम्मीदवार ही खड़े नहीं कर सका।

कांग्रेस के अलावा मुख्यमंत्री ने शिरोमणि अकाली दल को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि वह गैंग्स्टरो को टिकटें दे रहे हैं। ये पिस्तौल के दम पर चुनाव जीतना चाहते हैं। पहले तरनतारन में ऐसा किया अब फिरोजपुर में ऐसा कर रहे हैं।

डा नवजोत कौर सिद्धू की ओर से पिछले दिनों कांग्रेस हाई कमान के खिलाफ की गई बयानबाजी के बाद अपनी जान को खतरा बताकर मांगी गई सुरक्षा पर टिप्पणी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले सोचकर बोलना था, अब सुरक्षा मांग रही हैं।