पंजाब यूनिवर्सिटी: चुनाव घोषणा में देरी पर छात्रों का सख्त रुख, परीक्षा का करेंगे बहिष्कार
पंजाब यूनिवर्सिटी में जारी आंदोलन दूसरी ओर लगातार तेज़ हो रहा है। छात्रों ने एक बार फिर दोहराया है कि जब तक सीनेट चुनाव का लिखित शेड्यूल घोषित नहीं किया जाता, प्रदर्शन खत्म नहीं होगा। ‘पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा’ शुक्रवार को अपने तेरहवें दिन में प्रवेश कर गया। छात्रों का कहना है कि यदि प्रशासन जल्द चुनाव कार्यक्रम जारी नहीं करता, तो 18 नवंबर से शुरू होने वाली एंड-सेमेस्टर परीक्षाओं का बहिष्कार किया जाएगा। केवल गोल्डन चांस वाले छात्रों को ही परीक्षा देने से नहीं रोका जाएगा, लेकिन नियमित छात्रों की परीक्षाएं रोकने की तैयारी है।
इसी बीच छात्रों ने बताया कि 20 नवंबर को अलग-अलग जत्थेबंदियों—जिनमें किसान-मजदूर संगठन, शिक्षक और अन्य स्टेकहोल्डर्स शामिल हैं—के साथ एक और बैठक होगी। इसका उद्देश्य आगे की रणनीति तय करने से पहले सभी पक्षों से सुझाव लेना है। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि पीयू प्रशासन द्वारा सीनेट और सिंडिकेट की संरचना को कमजोर करने या भंग करने की कोशिश “एक सीधा हमला” है। उनके अनुसार यह पंजाब के फेडरल अधिकारों पर चोट है। छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी की लोकतांत्रिक स्पेस को खत्म करने की यह कोशिश उसी पैटर्न का हिस्सा है, “जिस तरह बीजेपी-आरएसएस पूरे देश में संस्थागत ढांचे और लोकतंत्र को कमजोर कर सबकुछ केंद्रीकृत करने में लगे हुए हैं।” इसी क्रम में छात्र यह भी विचार कर रहे हैं कि एक सियासी कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाए, जिसमें विभिन्न राजनीतिक जत्थेबंदियों को बुलाकर फेडरलिज्म और लोकतंत्र पर चर्चा की जाए, ताकि इस मुद्दे को व्यापक स्तर पर उठाया जा सके।
