Punjab News: अब किसानों को मनाने में जुटी पंजाब सरकार, आज शाम होगी अहम बैठक; क्या करने जा रही AAP सरकार?

कृषि विभाग के निदेशक जसवंत सिंह की ओर से जारी किए गए नोटिस में संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब चैप्टर और भारतीय किसान यूनियन उगराहां के नेताओं को बुलाया गया है। तीन मार्च को किसानों की 18 मांगों में से आठ पर ही चर्चा हुई थी कि मुख्यमंत्री बैठक को बीच में छोड़कर चले गए थे।
इन मांगों को लेकर दोनों किसान संगठनों का पांच मार्च का चंडीगढ़ कूच राज्य सरकार ने जबरन दबा दिया था। किसान संगठनों ने कुछ दिनों बाद चंडीगढ़ में ही एक कॉन्फ्रेंस करके मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह हमारी मीटिंग में आकर साबित करें कि उनकी मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं , राज्य से नहीं। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान इस बैठक में नहीं आए।
कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि वह अपने सारे पद छोड़कर किसानों के साथ धरना देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मेरी पंजाब के किसानों को हाथ जोड़कर निवेदन है कि जो भी उनकी मांगें हैं, वे केंद्र से संबंधित हैं।
राज्य के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें। अगर किसानों की मांगें पंजाब के साथ संबंधित होतीं तो वह किसानों के साथ खड़े होते। भुल्लर ने कहा कि मैं भी किसान परिवार से हूं इसलिए किसानों के साथ खड़ा हूं।
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पंजाब में मजबूत औद्योगिक विकास की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण शंभू और खनौरी जैसी प्रमुख सीमाओं पर लंबे समय तक सड़क बंद रहने के प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता व्यक्त की।
ये राजमार्ग एक साल से अधिक समय तक बंद रहने से पंजाब की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा है और औद्योगिक विकास बाधित हुआ है। किसानों से अपील की कि वे पंजाब के बुनियादी ढांचे को बाधित न करें।