कांग्रेस को बड़ा झटका: पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अजय यादव ने छोड़ी पार्टी, विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही नेतृत्व पर उठा रहे थे सवाल
हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय सिंह यादव ने भी कांग्रेस को अलविदा बोल दिया है। बृहस्पतिवार को उन्होंने पार्टी अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खड़गे को पत्र लिखकर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। कांग्रेस ने उन्हें ओबीसी विभाग का राष्ट्रीय चेयरमैन भी नियुक्त किया हुआ था। अजय यादव ने यह पद भी छोड़ दिया है। वे रेवाड़ी हलके से लगातार छह बार विधायक रहे।
अजय सिंह यादव बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के समधी हैं। लालू प्रसाद यादव की बेटी, अजय सिंह यादव के बेटे व पूर्व विधायक चिरंजीव राव के साथ शादीशुदा है। अजय सिंह यादव प्रदेश के सबसे पुराने कांग्रेसियों में शामिल रहे। उनके पिता 1952 में विधायक बने थे। आर्मी में बतौर कैप्टन सेवाएं दे चुके अजय सिंह यादव रिटायरमेंट के बाद राजनीति में सक्रिय हो गए। 1987 में रेवाड़ी हलके से लोकदल की टिकट पर रघु यादव विधायक बने थे। उस समय उनकी चौ़ देवीलाल के साथ किसी मुद्दे पर ठन गई। ऐसे में रघु यादव ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और रेवाड़ी में उपचुनाव हुआ। उपचुनाव में कैप्टन अजय सिंह यादव ने कांग्रेस टिकट पर पहली बार जीत हासिल की। इसके बाद वे लगातार पांच बार और कुल छह बार विधायक बने। 1991, 1996, 2000, 2005 और 2009 का चुनाव भी उन्होंनें रेवाड़ी से कांग्रेस टिकट पर जीता।
वे हुड्डा सरकार में वित्त, सिंचाई सहित कई विभागों के मंत्री भी रहे। 2014 के चुनावों में भाजपा के रणधीर सिंह कापड़ीवास के हाथों वे चुनाव हार गए। इसके बाद 2019 के चुनावों में कांग्रेस ने उनके बेटे चिरंजीव राव को टिकट दिया और वे जीतकर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रहे। हालांकि इस बार चिरंजीव राव रेवाड़ी हलके से भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव के हाथों चुनाव हार गए। चुनाव नतीजों के बाद ही कैप्टन अजय सिंह यादव ने नेतृत्व पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। 2019 में कांग्रेस टिकट पर वे गुरुग्राम से लोकसभा चुनाव भी लड़े थे और पांच लाख के करीब वोट हासिल किए थे। इस बार भी वे गुरुग्राम में राव इंद्रजीत सिंह के मुकाबले चुनाव लड़ना चाहते थे। लेकिन कांग्रेस ने पूर्व सांसद व फिल्म अभिनेता राज बब्बर को टिकट दिया। इससे आहत कैप्टन अजय सिंह यादव ने उस समय हरियाणा मामलों के प्रभारी दीपक बाबरिया सहित कई नेताओं की कार्यशैली पर सवाल भी उठाए थे। हालांकि बाद में उन्होंने राज बब्बर के लिए चुनाव प्रचार भी किया।
मल्लिका अर्जुन खड़गे को भेजे गए इस्तीफे और पार्टी छोड़ने का खुलासा उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (ट्वीटर) पर भी किया है। अपनी पोस्ट में कैप्टन अजय यादव ने लिखा – इस्तीफा देने का यह निर्णय वास्तव में कठिन निर्णय था, जिनके साथ मेरे परिवार का 70 वर्षों का जुड़ाव था। चूंकि मेरे पिता स्वर्गीय राव अभय सिंह 1952 में विधायक बने थे। उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा। लेकिन सोनिया के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार करने के लिए पार्टी आलाकमान से मोहभंग हो गया है। सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया। मैंने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एआईसीसी ओबीसी विभाग के अध्यक्ष और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा भेज दिया है।