करणी माता मंदिर में दर्शन करेंगे PM मोदी, रेल मंत्री और CM भजनलाल भी होंगे साथ, जानें मंदिर का इतिहास

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान के बीकेनेर में स्थित प्रसिद्ध करणी माता मंदिर में दर्शन करने जाने वाले हैं। पीएम मोदी आगामी 22 मई को करणी माता मंदिर में दर्शन करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी के साथ केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद रहेंगे। आइए जानते हैं करणी माता मंदिर के इतिहास और इसकी मान्यता के बारे में।
कहां स्थित है करणी माता मंदिर?
करणी माता मंदिर राजस्थान के बीकानेर से करीब 30 किलोमीटर दूर देशनोक इलाके में स्थित है। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि करणी माता साक्षात मां दुर्गा हैं। साल में दोनों नवरात्रि के अवसर पर करणी माता मंदिर में भारी भीड़ जुटती है। इस दौरान करणी माता के मंदिर को सजाकर उत्सव भी मनाया जाता है।
क्या है मंदिर का इतिहास?
करणी माता मंदिर का निर्माण करीब 15वीं शताब्दी में राजपूत राजाओं ने करवाया था। करणी माता जोधपुर और बीकानेर पर शासन करने वाले राठौड़ राजाओं की आराध्य थीं। करणी माता को बीकानेर राजघराने की कुलदेवी माना जाता है। ये भी माना जाता है कि इनके आशीर्वाद से ही बीकानेर और जोधपुर रियासत की स्थापना हुई थी। जानकारी के मुताबिक, करणी माता के वर्तमान मंदिर का निर्माण बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने 20वीं शताब्दी के शुरुआत में कराया था।
बीकानेर में स्थित करणी माता मंदिर को चूहों का मंदिर भी कहते हैं। ऐसे इसलिए है क्योंकि इस पवित्र मंदिर में करीब 20 हजार काले चूहे रहते हैं। मंदिर में सुबह पांच बजे मंगला आरती और शाम सात बजे आरती के समय चूहों का जुलूस दिखता है। मान्यता है कि जहां मंदिर है वहां करणी माता एक गुफा में रहकर अपने इष्ट देव की पूजा करती थीं। आज भी मंदिर परिसर में ये गुफा मौजूद है। इसके अलावा मंदिर के मुख्य द्वार पर संगमरमर की नक्काशी की गई है जिसे देखने के लिए लोग दूर-दूर से यहां आते हैं।