आसमान में ड्रोन मंडराता देख उड़ गए लोगों के हाेश, बुलाई गई पुलिस तो सामने आई हकीकत

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शाम को अंधेरे में उड़ते ड्रोन के वीडियो डर के साथ हर तरफ प्रसारित हो रहे हैं। लोग इस बात से डरे हुए हैं कि ऐसे ड्रोन के माध्यम से रेकी की जा रही है।

आशंकाओं से घिरे लोगों के लिए सबसे बड़ी राहत की बात यह है कि ऐसे ड्रोन के बारे में अब न डरें। ये ड्रोन किसी तरह की रेकी नहीं कर रहे हैं, बल्कि ये हिंडन नदी का सर्वे कर रहे हैं। यह सर्वे भारत सरकार के भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा किया जा रहा है।

कई दिनों से अलग-अलग गांवों, नगरों में ड्रोन उड़ने का वीडियो तेजी से प्रसारित हो रहा है। अंधेरे में उड़ते ड्रोन से दहशत फैलने लगी और लोग अलग-अलग आशंकाओं से चिंता करने लगे। चिंतित ग्रामीणों ने कई बार पुलिस को भी सूचित किया, लेकिन ड्रोन कहां से आया और किसने उड़ाया यह पुलिस को पता नहीं चल सका।

पुलिस खोजबीन में ही लगी थी कि इधर हर तरफ एक अफवाह तेजी से उड़ती जा रही थी कि यह डकैती, चोरी आदि अपराधों के लिए रेकी की जा रही है। हर तरफ इसकी चर्चा थी।

ऐसी अफवाहों के बीच भारतीय सर्वेक्षण विभाग के उत्तर प्रदेश भू-स्थानिक निदेशालय के निदेशक डीएन पाठक का पत्र सार्वजनिक हुआ है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश की सभी नदियों की डिजिटल एलीवेशन मैपिंग का सर्वे किया जाना है। इसी के अंतर्गत मेरठ, मुजफ्फरनगर व सहारनपुर में हिंडन नदी का ड्रोन सर्वे किया जा रहा है।

कलानिधि नैथानी ने बताया कि उत्तर प्रदेश ड्रोन संचालन सुरक्षा नीति-2023 के अन्तर्गत मेरठ समेत प्रदेश में प्रत्येक ड्रोन को पंजीकरण अनिवार्य है। उसे एक विशिष्ट पहचान संख्या प्रदान की जाएगी। ड्रोन के संचालन के लिए रेड, येलो और ग्रीन जोन बनाए जाएंगे।

रेड जोन एक तरह से नो-फ्लाई जोन होंगे जहां कोई भी ड्रोन गतिविधि संचालित नहीं की जाएगी। येलो जोन में प्रशासन तय करेगा कि यहां किस तरह की ड्रोन गतिविधि होनी चाहिए। ग्रीन जोन में सामान्य ड्रोन गतिविधियां संचालित की जा सकेंगी।

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