कनाडा में खालिस्तानियों के सिर पर पाकिस्तान का हाथ और निशाने पर भारतीय, नई साजिश का हुआ खुलासा
कनाडा में खालिस्तानी समर्थक (पीकेई) भारतीय समुदाय के लोगों को लगातार निशाना बना रहे हैं. हालात दिन-ब-दिन बद से बदत्तर होते जा रहे हैं. वाट्सएप जैसे सोशल मीडिया ऐप पर ग्रुप बनाने से लेकर भारतीय समुदाय के लोगों से सीधे भिड़ने, विरोध प्रदर्शन करने और वहां रह रहे भारतीयों को धमकाना तक खालिस्तानियों के लिए आम बात हो गई है. खबरों की मानें तो अब कनाडा में भारतीय समुदाय के लिए स्थिति इतनी खराब हो गई है कि वहां रहने वाले कई पेशेवर और बिजनेसमैन अपनी प्रॉपर्टी को बेचने में लगे हैं. वो भारत लौटने की योजना बना रहे हैं.
भारतीय खुफिया एजेंसियों से जुड़े सूत्रों के हवाले से हिंदुस्तान टाइम्स ने लिखा है कि, खालिस्तान समर्थकों ने पाकिस्तान के नेताओं के साथ बैठक की है. इस बैठक के बाद खालिस्तान समर्थकों ने जिन इलाकों में भारतीय रहते हैं उन इलाकों में आक्रामक और हिंसक विरोध प्रदर्शन को बढ़ा दिया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि खालिस्तान समर्थकों और पाकिस्तानी नेताओं की बैठक नवंबर के पहले सप्ताह में हुई थी. जिसके बाद से खालिस्तानी समर्थक भारतीय लोगों को धमका रहे हैं. उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के साथ-साथ कई बार हिसंक झड़प और मारपीट भी की जा रही है. जिस पर कई लोगों ने स्थानीय अधिकारियों की ओर से केस भी दर्ज किया जा रहा है.
जानकारी के अनुसार, कनाडा में स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ-साथ दूसरी प्रशासनिक एजेंसियों के समर्थन से खालिस्तान समर्थक खालिस्तान का विरोध करने वाले भारतीय लोगों की जानकारी जुटा रहे हैं. सोशल मीडिया ग्रुप में भारतीयों के कॉन्टैक्ट डिटेल्स के साथ उनके पता भी साझा किया जा रहा है. जिससे कि ये अब भारतीयों के लिए बड़ा खतरा हो गया है.
कनाडा में भारतीयों पर लगातार बढ़ रहे हमले के बीच खालिस्तानियों की साजिश की खुलासा हुआ है. जानकारी मिली है कि ये हिंसक खालिस्तान समर्थक तत्व भारतीय बिजनेसमैन, रेस्तरां मालिकों के साथ वहां रह रहे छात्रों को अपना निशाना बना रहे हैं. वहीं, भारतीयों पर मंदिरों के बाहर हमले किए जा सकते हैं
कनाडा में भारतीय समुदायों के विभिन्न सोशल मीडिया ग्रुप्स में खालिस्तान समर्थकों ने घुसपैठ कर ली है, जो खालिस्तान समर्थकों को उकसाने के लिए चैट और मैसेज का इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके अलावा भारतीयों को धमकी देकर मांग कर रहे हैं कि वे लोग या तो खालिस्तान का समर्थन करें या तुरंत कनाडा को छोड़ दें.