ऑपरेशन सिंदूर, पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय ने खोली सारी पोल

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने दोहराया कि भारत की कार्रवाई केवल आतंक के ढांचों को ध्वस्त करने तक सीमित थी, हमने नागरिकों या सैन्य प्रतिष्ठानों पर नहीं, बल्कि सिर्फ आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के सूचना मंत्री द्वारा यह कहना कि हमारे यहां कोई आतंकी नहीं हैं, पूरी तरह से झूठ और भ्रामक है. पाकिस्तान आज भी वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है. ओसामा बिन लादेन वहीं मिला और पाकिस्तान ने उसे ‘शहीद’ कहा था. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की ‘संयुक्त जांच’ की पेशकश एक बार फिर से समय खींचने की और खुद को बचाने की रणनीति है. भारत ने 26/11 और पठानकोट जैसे हमलों की जांच में सहयोग किया, लेकिन पाकिस्तान ने मामलों को ठंडे बस्ते में डाल दिया.
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि सीमा पार से हमारे खिलाफ बहुत सी गलत सूचनाएं दी गई हैं, कुछ बातें ध्यान में रखने लायक हैं जैसे इसमें तनाव बढ़ने का जिक्र किया जा रहा है. लेकिन पहली बात ये है कि पहलगाम में हुआ हमला तनाव बढ़ने की पहली वजह है, भारतीय सेना ने कल उसका जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) समूह लश्कर-ए-तैयबा का जाना-माना मोर्चा है. जिसने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, हम इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) को सभी जानकारियां मुहैया करा रहे हैं. TRF के बारे में अपडेट लगातार दिए जा रहे हैं. विक्रम मिसरी ने एक चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि जब UNSC के बयान में TRF का नाम शामिल करने की बात आई, तो केवल पाकिस्तान ने इसका विरोध किया और नाम हटवाया. यह स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान अब भी इन आतंकी समूहों को ढाल और समर्थन दे रहा है.