नायब सैनी ने कहा कि सरकार ने दशकों से बेघर घुमंतू जातियों को मुख्यधारा में लाने का महत्वपूर्ण कार्य किया है।
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि सरकार ने समाज के अंतिम और वंचित व्यक्ति का उत्थान करने का बीड़ा उठाया है। घुमन्तू जातियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए इनके परिवारों के पहचान पत्र बनाए गए हैं। अब इन्हें सरकार की सभी योजनाओं एवं सेवाओं का लाभ परिवार पहचान पत्र के माध्यम से दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री सीएम आवास संत कबीर कुटीर पर बाबा लक्खी शाह वंजारा जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने बाबा लक्खी शाह वंजारा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि वंजारा समाज की और से उन्हें आज पगड़ी पहनाकर जो मान-सम्मान दिया गया है उसे वह कभी कम नहीं होने देंगे और सदैव इस सम्मान को बढ़ाने के लिए कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ने दशकों से बेघर रही घुमंतू जातियों को एक जगह बसाकर समाज की मुख्यधारा में लाने का काम किया है। सरकार द्वारा करनाल, पलवल व रोहतक शहरों के लिए आवेदन करने वाले घुमंतू जाति के गरीब परिवारों को प्लाट दिए गए है। इसके अतिरिक्त, ‘मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना’ के तहत गरीबों को शहरों में प्लाट देने का काम शुरू किया गया है। इस योजना के पहले चरण में 14 कस्बों और शहरों में भूमि की पहचान कर 15 हजार 256 गरीब परिवारों को आवंटन पत्र सौंपे जा चुके हैं।
इतिहास में बाबा लक्खी शाह वंजारा की कुर्बानियां स्वर्ण अक्षरों में लिखी गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख इतिहास में बाबा लक्खी शाह वंजारा की कुर्बानियां स्वर्ण अक्षरों में लिखी गई हैं। उन्होंने मुगलों का डटकर मुकाबला किया और धर्म की रक्षा के लिए अभूतपूर्व बलिदान दिया। भारत के इतिहास में सम्भवतः यह पहली घटना थी, जब किसी एक परिवार के 112 से अधिक सदस्यों द्वारा शहादत दी गई। उन्होंने कहा कि वंजारा समाज संघर्षशील, मेहनती और स्वाभिमानी समाज है, जिसने न केवल व्यापार और वाणिज्य के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को गति दी है, बल्कि देश की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
