नायब सैनी ने कहा कि विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा, जब समाज चरित्रवान और नैतिक मूल्यों से संपन्न होगा।
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि महापुरुषों के विचार और सिद्धांत आज भी हमें जीवन जीने की सही दिशा दिखाते हैं। यदि हम उनके आदर्शों को अपनाएं और अपने आचरण में उतारें, तो एक नैतिक और चरित्रवान समाज का निर्माण संभव है। जब समाज का प्रत्येक व्यक्ति नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण होगा, तभी विकसित भारत का सपना साकार हो सकेगा। यदि हम एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए एक मजबूत, नैतिक और चरित्रवान समाज का निर्माण सबसे पहली आवश्यकता है। महापुरुषों की प्रेरणा से ही हम यह लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चंडीगढ़ में आचार्य भिक्षु स्वामी की 300वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने मंचासीन मुनिविनय कुमार आलोक, मुनिसुधाकर, मुनिअभय कुमार आलोक, मुनिनरेश, स्वामी सम्पूर्णानन्द ब्रह्मचारी महाराज सहित समस्त मुनिजनों को सादर नमन किया और कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उन्हें इस पावन अवसर पर तेरापंथी समाज के श्रद्धालुओं के बीच आने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की धरा संतों की धरा है। संतों के कारण ही हमारी संस्कृति जीवित है। मुख्यमंत्री ने जैन मुनियों की तपस्वी जीवनचर्या की सराहना करते हुए कहा कि वे भौतिकवादी युग में त्याग और संयम की प्रतिमूर्ति हैं। तीर्थंकरों और मुनियों द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत आज भी मानव समाज को दिशा देने वाले हैं। इस अवसर पर मुनिविनय कुमार आलोक एवं मुनिसुधाकर ने मुनिश्री भिक्षु महाराज के जीवन एवं तेरापंथ के सिद्धांत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महापुरुषों की शिक्षाओं पर बोलना आसान है, परंतु उन शिक्षाओं को जीवन में अमल में लाना कठिन कार्य है। हम सभी को उनकी वाणी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए। तेरापंथ की मुख्य विशेषता ‘एक गुरु, एक विधान’ है तथा पंथ के अनुयायी अपने गुरु के प्रति अटूट श्रद्धा रखते हैं।
