मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने सड़क हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को दिया 35.91 लाख का मुआवजा

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मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने एक सड़क हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार को आर्थिक राहत देते हुए करीब 35.91 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश सुनाया है। यह मामला वर्ष 2022 में मोहाली के फतेहपुर गांव में हुए एक भीषण हादसे से जुड़ा है। जानकारी के अनुसार, 21 अप्रैल 2022 की शाम फतेहपुर निवासी 39 वर्षीय मुनीष कुमार अपनी मोटरसाइकिल पर माजरी ब्लॉक की ओर जा रहा था। इसी दौरान पीछे से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने लापरवाही से ओवरटेक करने की कोशिश की और उसकी बाइक को टक्कर मार दी। हादसे में मुनीष गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। टक्कर मारने वाला कार चालक मौके से भाग निकला था। मुनीष कुमार चंडीगढ़ के सेक्टर-9 स्थित एक निजी कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर कार्यरत था और करीब 35 हजार रुपये प्रतिमाह कमाता था। परिवार का कहना था कि उसकी कमाई से ही घर का पूरा खर्च चलता था। हादसे के बाद मृतक के परिजनों ने आरोपित चालक और कार की बीमा कंपनी के खिलाफ मुआवजे की मांग को लेकर ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया था।

मामले की सुनवाई पूरी होने के बाद ट्रिब्यूनल ने माना कि दुर्घटना कार चालक की लापरवाही के कारण हुई थी। इस आधार पर इंश्योरेंस कंपनी को पीड़ित परिवार को 35.91 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया गया है। मोहाली में ही 5 साल पहले हुए एक अन्य सड़क हादसे में जान गंवाने वाले युवक मनतेज वर्मा के परिवार को भी मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल, चंडीगढ़ की ओर से मुआवजा प्रदान किया गया है। ट्रिब्यूनल ने पीड़ित परिवार को 17.96 लाख रुपये मुआवजा देने का फैसला सुनाया है। यह हादसा 25 जुलाई 2020 को हुआ था, जब 22 वर्षीय मनतेज अपनी एक्टिवा पर मोहाली से मनीमाजरा लौट रहा था। फेज-7 मोहाली के लाइट प्वाइंट पर उसकी स्कूटी को रांग साइड से आ रही तेज रफ्तार मारुति-800 कार ने टक्कर मार दी। गंभीर रूप से घायल मनतेज को सिविल अस्पताल मोहाली और फिर पीजीआई ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। परिवार ने आरोपित कार चालक जसबीर सिंह, कार मालिक संजीव और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ याचिका दायर कर 40 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी। ट्रिब्यूनल ने सुनवाई के बाद माना कि हादसा चालक की लापरवाही से हुआ था और इंश्योरेंस कंपनी को 17.96 लाख रुपये की राशि अदा करने का आदेश दिया। मनतेज एक निजी कंपनी में ड्राइवर था और उसकी मासिक आय 11 हजार रुपये थी, जिस पर पूरे परिवार का सहारा टिका हुआ था।

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