मैकेनिक की बेटी बनी सेना में लेफ्टिनेंट, जीरकपुर पहुंचते ही लोगों ने बिछाई पलके, विधायक रंधावा ने दी उषा रानी को बधाई

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मैकेनिक की बेटी बनी सेना में लेफ्टिनेंट, जीरकपुर पहुंचते ही लोगों ने बिछाई पलके, विधायक रंधावा ने दी उषा रानी को बधाई

 

जीरकपुर, मुकेश चौहान

 

 

जीरकपुर की बादल कॉलोनी में रहने वाले एक साधारण परिवार की बेटी भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। उषा रानी ने कड़ी मेहनत और अपने बुलंद हौसलों से यह मुकाम हासिल किया है।

 

उषा रानी के पिता सरदार कुलदीप सिंह एक मैकेनिक हैं जो जीरकपुर में बीएस इंजीनियरिंग वर्क्स नाम की दुकान चलाते हैं और उषा की मां सुनीता रानी एक गृहिणी हैं। सोमवार को जब उषा रानी अपनी पासिंग आउट परेड पूरी कर घर लौटीं तो जीरकपुर इलाके के लोगों ने उन्हें पलकों पर बिठा लिया।

बादल कॉलोनी वासियों और गुरुद्वारा साहिब की प्रबंधक कमेटी के सभी पदाधिकारियों ने उषा रानी का भव्य स्वागत किया। इस दौरान डेराबस्सी के विधायक और कुलजीत सिंह रंधावा भी उषा रानी और उनके परिवार से मिलने और बधाई देने पहुंचे। कुलजीत सिंह रंधावा ने कहा कि यह क्षेत्र के लिए गर्व की बात है कि एक साधारण परिवार की बेटी उषा रानी ने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट का पद संभालकर अपने माता-पिता और पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि बेटियां हर क्षेत्र में आगे हैं, चाहे वह देश सेवा हो या कोई अन्य सरकारी विभाग। लड़कियां हर जगह खुद को साबित कर रही हैं। इससे पहले इसी साल 7 सितंबर को हुई पासिंग आउट परेड में उषा के माता-पिता ने उनके कंधों पर लेफ्टिनेंट का सितारा लगाया थाI

 

उषा रानी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके पति भी भारतीय सेना के एक शिक्षा अधिकारी थे जिनकी 2020 में एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई, जिसके बाद उन्होंने अपने पति की तरह भारतीय सेना की वर्दी पहनने की कसम खाई थी। उन्होंने कहा कि उनके लेफ्टिनेंट बनने के सफर में उनके माता-पिता और परिवार के सदस्यों का बहुत बड़ा योगदान रहा। उन्होंने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सफलता हासिल करने के लिए घर से निकलकर एक लक्ष्य निर्धारित करना और उसे हासिल करने के लिए अथक परिश्रम करना जरूरी है और जीवन में कुछ भी असंभव नहीं है।

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