शिमला मस्जिद: शिमला में भारी हंगामा, मस्जिद की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज
शिमला की संजौली मस्जिद पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. मामले में पिछली सुनवाई के बाद 5 अक्टूबर की तारीख दी गई है. संजौली में शांति को देखते हुए बुधवार सुबह 7 बजे से पूरे इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई है, जिसके बाद पांच या इससे अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. वहीं दूसरी ओर हिंदू संगठनों की ओर से इसका कड़ा विरोध किया जा रहा है.
संजौली में ढली टनल पूरी तरह से बंद हो गई है। बाहर से आने वाले वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। इस बीच प्रदर्शनकारियों ने खोखली सुरंग पर लगी बैरिकेडिंग को तोड़ दिया है. पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश कर रही है, जिसके लिए उन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है. पुलिस ने सुरंग पर बैरिकेडिंग की और जांच के बाद केवल आम जनता को पैदल प्रवेश करने की अनुमति दी गई। इसी बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया.
वहीं, आज शिमला शहरी विधायक हरीश जनार्दन ने सदन में कानून व्यवस्था को लेकर इसी बिंदु के तहत चर्चा की मांग की और सदन में प्रदर्शन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए. जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के एक मंत्री ने सदन में अपनी व्यक्तिगत भावनाएं रखीं और उसके बाद मामला कांग्रेस आलाकमान तक पहुंच गया, अब वे मंत्री को हटाने की बात कर रहे हैं, मुख्यमंत्री भी कोरा जवाब दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह मामला लोगों की भावनाओं से जुड़ा है और कल शिमला में हिंदू समुदाय के लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, इसलिए सरकार को भी इसे शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहिए. उन्होंने लोगों से विरोध शांतिपूर्ण रखने की भी अपील की. उन्होंने सरकार से यह भी मांग की कि अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जाए.
मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने क्या कहा?
संजौली इलाके में कथित अवैध मस्जिद निर्माण के विरोध में हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, ‘स्थिति बिल्कुल साफ है. शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार सभी को है और सरकार ने भी यह कहा है, लेकिन ऐसी स्थिति नहीं आनी चाहिए जिससे यहां की शांतिपूर्ण स्थिति प्रभावित हो. इसलिए पुलिस ने एहतियाती कदम उठाए हैं. वहां धारा 163 लागू कर दी गई है और इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है, ताकि ऐसी कोई स्थिति न हो जिससे राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े हों.