दिल्ली में राष्ट्रपति द्वारा ‘राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित ‘लिटिल सोल्जर’ श्रवण को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान निस्वार्थ सेवा प्रदान करने के लिए सम्मानित किया गया।

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ऑपरेशन सिंदूर के ‘ छोटे सिपाही ‘ श्रवण सिंह को आज, 26 दिसंबर को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में भारत की माननीय राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। श्रवण को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सैनिकों को दी गई विशेष सहायता के लिए यह सम्मान दिया गया है। पाकिस्तान की लगातार गोलीबारी और ड्रोन हमलों की परवाह किए बिना, श्रवण पानी, दूध, लस्सी और बर्फ जैसी अन्य वस्तुएं पहुंचाया करते थे।

 

श्रवण सिंह को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनके असाधारण साहस और निस्वार्थ सेवा के लिए सम्मानित किया गया । भारत-पाकिस्तान सीमा पर बेहद तनावपूर्ण परिस्थितियों के बीच, श्रवण सिंह ने तैनात सैनिकों को महत्वपूर्ण सहायता प्रदान की।

 

दुश्मन के ड्रोन हमलों की निरंतर घुसपैठ और भीषण तनाव के बीच देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर श्रवण प्रतिदिन सीमा की अग्रिम चौकियों पर जाते थे । वे सैनिकों को पानी, दूध, लस्सी , चाय और बर्फ जैसी आवश्यक सामग्री पहुंचाते थे । दुश्मन की सीधी निगरानी और हमले के निरंतर खतरे के बावजूद, श्रवण का अटूट दृढ़ संकल्प एक जीवन रेखा साबित हुआ, जिससे लंबे समय से तैनात सैनिकों को पानी की आपूर्ति होती रही और उनका मनोबल बढ़ता रहा ।

 

श्रवण सिंह फिरोजपुर के तारा वाली गांव के निवासी हैं। उनके साहस और उत्साह को देखकर भारतीय सेना की गोल्डन एरो डिवीजन ने श्रवण की शिक्षा का पूरा खर्च वहन किया। फिरोजपुर छावनी में आयोजित एक समारोह में पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने भी नन्हे सिपाही श्रवण सिंह को सम्मानित किया। सेना ने कहा कि श्रवण की कहानी देश भर के उन गुमनाम नायकों की याद दिलाती है जो पहचान और समर्थन के पात्र हैं।

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