जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर मंगलवार को लगातार बारिश के कारण दो स्थानों पर भूस्खलन हुआ, जिससे यातायात कुछ समय के लिए बाधित रहा। अखनूर के पास पहाड़ी से पत्थर गिरने की घटना ने सड़क पर आवागमन को प्रभावित किया। स्थानीय प्रशासन और यातायात पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए मलबा हटाया और हाइवे पर वाहनों की आवाजाही बहाल की। मौसम विभाग ने खराब मौसम को देखते हुए यात्रियों से सावधानी बरतने की सलाह दी है।
लगातार बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए राजौरी और पुंछ जिलों में शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। जुलाई 2025 में भी भारी बारिश के कारण जम्मू संभाग के सात जिलों में स्कूल बंद किए गए थे, जब बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया था। प्रशासन ने निचले इलाकों में जलभराव और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से बचने की सलाह दी है। मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में और भारी बारिश की चेतावनी दी है, जिसके चलते प्रशासन ने आपातकालीन टीमें तैनात की हैं और राहत कार्यों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं।
हाल के महीनों में जम्मू-राजौरी-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन की घटनाएं बार-बार सामने आ रही हैं। जुलाई 2025 में भी पुंछ जिले के कलाल इलाके में भूस्खलन के कारण हाइवे कई घंटों तक बंद रहा था, जिससे सैकड़ों यात्री बीच रास्ते में फंस गए थे। इसके अलावा, राजौरी के नारियान क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने भूस्खलन की आशंका और खराब जल निकासी व्यवस्था के विरोध में हाइवे को जाम कर दिया था। प्रदर्शनकारियों ने दावा किया था कि बारिश का पानी खेतों में रिसने से जमीन धंस रही है, जिससे कई घरों को खतरा पैदा हो गया है। पिछले महीने राजौरी के कालाकोट डिवीजन में भारी बारिश के कारण भूस्खलन से एक मदरसा और पांच मकान तबाह हो गए थे, जिससे क्षेत्र में दहशत फैल गई थी। इसके अतिरिक्त, पुंछ में एक प्राइमरी स्कूल में भूस्खलन के कारण छत ढहने से एक छात्र की मौत और कई अन्य के घायल होने की दुखद घटना भी सामने आई थी।