किन्नौर कैलाश यात्राः दो यात्रियों की मौत, रास्ते में फंसे 716 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला

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शिमला: किन्नौर कैलाश यात्रा के दौरान दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार रात को एक श्रद्धालु की मौत हो गई जबकि एक अन्य श्रद्धालु की मौत पूर्वणी मार्ग से आते समय गिरने के कारण हुई। पुलिस ने एक शव को बरामद कर लिया है जबकि दूसरे शव को लाने के लिए टीम भेजी गई है। इस दौरान सैकड़ों श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जिला प्रशासन ने यात्रा को तत्काल प्रभाव से अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है और श्रद्धालुओं से अगली सूचना तक यात्रा शुरू नहीं करने की अपील की है। जिले में भारी बारिश के कारण यात्रा मार्ग पर कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है। तांगलिंग और कांगरांग नालों पर बने पुल तेज बहाव के कारण बह गए हैं, जिससे यात्रा मार्ग अत्यधिक खतरनाक हो गया है। इसी दौरान, अब तक 476 श्रद्धालुओं को तांगलिंग और 240 को पूर्वणी वाले मार्ग से सुरक्षित निकाल लिया गया है। जो श्रद्धालु अभी भी यात्रा मार्ग पर हैं, उन्हें मिल्लिंग खाटा और गुफा जैसे सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है। जिला प्रशासन, किन्नौर ने सभी श्रद्धालुओं और यात्रियों से अनुरोध किया है कि जब तक यात्रा को फिर से शुरू करने की आधिकारिक सूचना न दी जाए, तब तक कोई भी यात्रा की योजना न बनाएं।

मंडी और बल्ह में सोमवार रात से मंगलवार शाम तक 151.2 मिलीमीटर बारिश हुई। मंडी के गुटकर में वाहनों के शोरूम के बाहर पार्क गाड़ियां पानी में डूब गईं। बाद में इन्हें क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया। जेल रोड में नाले का पानी घरों में घुस गया। कुल्लू में भूस्खलन की वजह से बालू स्कूल तहस-नहस हो गया है। दो गोशालाएं भी भूस्खलन की चपेट में आई हैं, जिससे पांच भेड़ों और एक बछड़ी की मौत हो गई है। गोहर उपमंडल के कई गांवों में सोमवार रात हुई मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई। नांडी पंचायत के कटवांडी गांव में शिव दास के घर में उफनते नाले का पानी घुस गया। पानी और मलबा मकान की दीवार तोड़ते हुए अंदर घुस गया। बाप-बेटे ने भागकर जान बचाई। बल्ह घाटी में सुकेती समेत अन्य खड्डें उफान पर हैं। बल्ह घाटी जलमग्न हो गई है। कई जगह पार्किंग में वाहन भी पानी में डूब गए हैं। सराज घाटी का सड़क संपर्क भी अन्य क्षेत्रों से कट गया है। जलस्तर बढ़ने से ब्यास के साथ पिन पार्वती, सरवरी खड्ड के साथ नदी-नाले उफान पर हैं। कांगड़ा में मंगलवार को दिल्ली से दो और चंडीगढ़ से एक फ्लाइट गगल हवाई अड्डा नहीं पहुंची। जिले में एक कच्चा मकान पूरी तरह से ढह गया। 12 घरों और 11 गोशालाओं को क्षति पहुंची है। पौंग बांध का जलस्तर 1361 फीट पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 21 फीट दूर है। प्रशासन की ओर से बांध से निचले क्षेत्र के लोगों को अपना सामान समेटने के साथ सुरक्षित स्थान चिन्हित करने को कहा गया है।

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