Kedarnath Helicopter Crash: आर्यन कंपनी पर दर्ज हुआ मुकदमा, अब बनेगा ‘कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर’।

उत्तराखंड के केदारनाथ में हेलीकॉप्टर क्रैश होने के बाद आर्यन कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड सरकार ने कमांड और कोऑर्डिनेशन सेंटर स्थापित करने का फैसला किया है। यह सेंटर भक्तों को लेकर उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर के साथ बेहतर तरीके से समन्वय बनाएगा। इससे दुर्घटना की आशंका कम होगी और हादसा होने पर समय रहते मदद पहुंच सकेगी।
सीईओ युकाडा सोनिका ने बताया कि मुख्यमंत्री धामी ने लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने भी इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि हेलीकॉप्टर की उड़ानों के बेहतर समन्वय के लिए कमांड एवं कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना होगी। हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा को सुगम बनाने के लिए भविष्य में सिक्योरिटी के और इंतजाम किए जाएंगे।
आर्यन कंपनी पर क्या आरोप?
आर्यन कंपनी के खिलाफ दर्ज मामले में कहा गया है कि रविवार के दिन मौसम खराब था। बादल और धुंध आसमान पर छाए थे। ऐसे में एसओपी का उल्लंघन करते हुए हेलीकॉप्टर चलाया गया। इसी वजह से हादसा हुआ। यह भी कहा गया है कि आर्यन कंपनी के मैनेजर भलीभांति जानते थे कि ऐसे मौसम में हेलीकॉप्टर की सवारी जानलेवा हो सकती है। इसके बावजूद आर्यन कंपनी ने हेलीकॉप्टर चलाया और यही लापरवाही हादसे की वजह बनी। इस हादसे के लिए आर्यन कंपनी के मैनेजर विकास तोमर और एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक को जिम्मेदार ठहराया गया है।
समय से पहले रवाना हो गया था हेलीकॉप्टर
एफआईआर में बताया गया है कि हेलीकॉप्टर के संचालन के लिए पहला स्लॉट सुबह छह बजे से सात बजे के बीच है, लेकिन यह हादसा सुबह 5.30 बजे हुई। ऐसे में कंपनी की तरफ से एसओपी का पालन नहीं किया गया। इसी वजह से कंपनी के अधिकारियों को हादसे के लिए जिम्मेदार माना गया है।
केदारनाथ हादसे में सात लोगों की मौत
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में रविवार को एक हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हादसे में सात लोगों की मौत हो गई थी। हेलीकॉप्टर श्रद्धालुओं को लेकर केदारनाथ से वापस लौट रहा था। इसी दौरान रुद्रप्रयाग के पास गौरीकुंड के जंगलों में खराब विजिबिलिटी के चलते हेलीकॉप्टर हादसे का शिकार हो गया। हेलीकॉप्टर में सवार सभी लोग मारे गए। उनके शव बुरी तरह जल गए थे।