Assembly Elections: कश्मीर में 12 घंटे में हो गया था उम्मीदवारों का ऐलान, हरियाणा में क्यों देरी कर रही बीजेपी?

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25 अगस्त को दिल्ली में देर रात तक भारतीय जनता पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई. यह बैठक जम्मू-कश्मीर में उम्मीदवारी तय करने के लिए बुलाई गई थी. बैठक में उम्मीदवार तय किए गए और 12 घंटे के भीतर उसकी लिस्ट भी जारी कर दी गई. इसी तरह की एक बैठक 29 अगस्त को हरियाणा को लेकर भी बुलाई गई. यह बैठक भी करीब उतनी ही देर चली, जितनी देर कश्मीर को लेकर हुई थी, लेकिन हरियाणा में बीजेपी ने बैठक के 36 घंटे बीत जाने के बाद भी उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की.

हरियाणा के सियासी गलियारों में बीजेपी उम्मीदवारों की लिस्ट नहीं आना चर्चा का विषय बना हुआ है. वो भी तब, जब राज्य में अब से 30 दिन बाद विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे.

1. मुख्यमंत्री की सीट पर ही पेच- हरियाणा ने नए-नवेले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अभी करनाल सीट से विधायक हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि सैनी अपनी सीट बदल सकते हैं. शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मोहन सिंह बड़ौली ने भी इसको लेकर बयान दे दिया.

बड़ौली ने कहा कि मुख्यमंत्री लाडवा सीट से लड़ेंगे. इस बयान ने राज्य की सियासी सरगर्मी बढ़ा दी. शाम को मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि मैं करनाल से ही लडूंगा. मुख्यमंत्री ने करनाल में रोड शो भी किए.

कहा जा रहा है कि करनाल सीट पर पंजाबी मतदाताओं का दबदबा है. यहां पर बीजेपी को लग रहा है कि चुनाव में कोई उलटफेर न हो जाए. ऐसा होता है तो बीजेपी के लिए यह किरकिरी साबित हो सकता है.

2. अभी पर्चा दाखिल होने में वक्त- बीजेपी की लिस्ट क्यों जारी नहीं हो रही है, इसको लेकर एक वजह नामांकन की तारीख है. हरियाणा में 5 सितंबर से सभी 90 सीटों के लिए पर्चे भरे जाएंगे. 12 सितंबर तक उम्मीदवार यहां पर नामांकन दाखिल कर सकते हैं. यानी अभी नामांकन दाखिल करने में यहां 12 दिन का वक्त बचा है.

कश्मीर में जो लिस्ट जारी की गई थी, उसकी वजह नामांकन की तारीख ही थी. वहां पर नामांकन की तारीख में सिर्फ एक दिन का वक्त बचा था. नामांकन की तारीख में अभी वक्त है, इसलिए कांग्रेस ने भी यहां सूची जारी नहीं की है.

3. जिंद में अमित शाह की रैली- गृह मंत्री अमित शाह 1 सितंबर को हरियाणा के जिंद में रैली करेंगे. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी इस रैली से पहले लिस्ट जारी कर नकारात्मक खबरों की वजह से मीडिया में नहीं रहना चाहती है.

शाह जिंद की रैली के जरिए जाटों को रिझाने की कोशिश करेंगे. लोकसभा चुनाव के बाद पहली बार पार्टी जाटों को लुभाने के लिए इतनी बड़ी रैली कर रही है. हाल ही में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जाटों को देशभक्त कौम बताया था.

4. नाम आने से पहले ही बगावत- फतेहाबाद की रतिया और रोहतक की गोहना सीट पर उम्मीदवारों के आधिकारिक ऐलान से पहले ही बगावत तेज हो गई है. गोहना में रोहतक के पूर्व सांसद अरविंद शर्मा को टिकट दिए जाने की चर्चा है, जिसके पार्टी के भीतर दूसरे खेमे ने बिगुल फूंक दिया है.

दूसरे गुट का कहना है कि यहां पर स्थानीय उम्मीदवारों को टिकट दिया जाए. इसी तरह रतिया सीट का मामला है. फतेहाबाद की रतिया सीट पर पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को टिकट दिए जाने की चर्चा है.

यहां से विधायक लक्ष्मण नापा ने बगावती रूख अख्तियार कर लिया है. नापा ने पार्टी जिलाध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि क्षेत्र की जनता बाहरी उम्मीदवारों को सहन नहीं कर पाएगी.

 

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