पानी में डूबा गांव जट्टां: घरों में चार फुट पानी, छतों पर डेरा; एक-दूसरे का सहारा बन आपदा से लड़ रहे ग्रामीण

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अमृतसर की तहसील अजनाला का गांव जट्टां इन दिनों रावी दरिया में आई बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है। पूरा गांव पानी में डूब चुका है। घरों के अंदर तीन से साढ़े चार फीट तक पानी है।

गांव के लोग एक-दूसरे का सहारा बनकर इस मुश्किल घड़ी का सामना कर रहे हैं। सीमांत गांव जट्टां अमृतसर से 45 व अजनाला से 35 किलोमीटर दूर है। गांव की जनसंख्या 1087 है और यहां 193 घर है।

जट्टां में हालात इतने खराब हैं कि लोग अपने घरों की छतों पर शरण लिए हुए हैं। बिजली सप्लाई ठप है। गांव निवासी जग्गा सिंह, तरलोक सिंह, मक्खन सिंह और गुरमीत ने बताया कि गांव में व इसके चारों ओर पानी भरा है। कई मवेशी तेज बहाव में बह चुके हैं। वहीं, जिला प्रशासन के साथ-साथ बीएसएफ और सेना के जवान लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। हेलिकॉप्टरों की मदद से प्रभावित लोगों तक खाने-पीने की सामग्री, पीने का पानी और दवाएं पहुंचाई जा रही हैं। जिन घरों में लोग फंसे हुए हैं, वहां तक नावों और ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के जरिए भी सामग्री पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।

आपदा की इस घड़ी में गांव के लोग एक-दूसरे का सहारा बने हुए हैं। भोजन और पानी की कमी के बावजूद वे आपस में बांटकर गुजारा कर रहे हैं। गांव के नौजवान राहत कार्यों में प्रशासन का हाथ बंटा रहे हैं। कई लोग नावों के सहारे फंसे हुए परिवारों तक मदद पहुंचा रहे हैं। किसानों की खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, जिससे आने वाले दिनों में आर्थिक संकट और गहराने की आशंका है।

ग्रामीणों ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से अपील की है कि वे इस आपदा से निपटने के लिए और ज्यादा मदद भेजे। तरलोक सिंह का कहना है, कि हमारे घरों में तीन-चार फुट पानी भरा हुआ है। छोटे बच्चे और बुजुर्गों के लिए हालात बेहद मुश्किल हैं। सरकार से गुजारिश है कि जल्द से जल्द राहत शिविर लगाए जाएं और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था हो।शनिवार दोपहर से हो रही बारिश के कारण रावी और ब्यास दरिया का जल स्तर और ज्यादा बढ़ गया है। रमदास, अजनाला, गग्गोमहल, लोपोके के साथ 80 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए हैं। शहरी इलाकों में पानी कई फुट तक पहुंच गया है।

प्रशासन की टीमें लोगों को राहत कैंपो तक सुरक्षित रूप से पहुंचा रही हैं। डीसी साक्षी साहनी खुद अलग-अलग गांव में जाकर वहां फंसे लोगों से मिलकर उन्हें साथ चलने का आग्रह किया जा रहा है। कई गांव ऐसे हैं, जिनके निवासी घर-बार छोड़कर जाने को तैयार नहीं। प्रशासन द्वारा राहत सामग्री बांटी जा रही है। इसके अलावा हेलिकाप्टर के माध्यम से लोगों तक खाने-पीने का सामान पहुंचाया जा रहा है।

वहीं हालात बिगड़ते देख कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा, हरजिंदर सिंह ईटीओ और पंजाब सरकार के मुख्य सचिव पीके सिन्हा भी रविवार को अमृतसर पहुंचे और बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। मुख्य सचिव ने कहा कि लोगों का जितना नुकसान हुआ है उसकी गिरदावरी करके मुआवजा दिया जाएगा। बाढ़ की वजह से हालात यह हैं कि पिछले कई दिनों से सभी इलाकों में बिजली सप्लाई बंद है। पशु भी पानी में डूब गए हैं। उनका भी कुछ पता नहीं चल पा रहा है।

इलाके में हर तरफ पानी ही पानी है। दूसरी ओर अब तक पानी कम होने की कोई भी स्थिति फिलहाल दिखाई नहीं पड़ रही है। भारतीय सेना लगातार प्रभावित इलाकों में किश्तियों से लोगों को रेस्क्यू कर रही है। बहुत सारे लोग अपने घरों के ऊपर टेंट लगाकर गुजारा कर रहे हैं। उन लोगों तक सेना खाने-पीने और अन्य सामान पहुंचा रही है।

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