बारिश के बाद हिमकोटी मार्ग पर करीब 30 फीट तक मलबा जमा हो गया है और बड़े-बड़े पत्थर गिरने से मार्ग अवरुद्ध हो गया है। हालांकि, माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड और प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू कर दिया है और यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यात्रा को पारंपरिक पुराने मार्ग से जारी रखा गया है।
प्रशासन की ओर से यात्रियों से अपील की गई है कि वे मौसम को देखते हुए सतर्कता बरतें और सिर्फ अधिकृत मार्गों व दिशानिर्देशों का पालन करें। साथ ही श्राइन बोर्ड की टीमें और आपदा प्रबंधन बल मौके पर तैनात हैं और मलबा हटाने का कार्य तेजी से जारी है। इससे पहले भी जून महीने में दो बार भारी बारिश के कारण यही मार्ग बंद किया गया था, जिससे यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा था। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि वह हालात पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और स्थिति सामान्य होने पर सभी सेवाएं पुनः बहाल की जाएंगी।
माता वैष्णो देवी मंदिर के नए मार्ग पर मंगलवार के दिन भी भूस्खलन हुआ था। रियासी जिले में त्रिकुटा पहाड़ियों के ऊपर भूस्खलन होने से रास्ता बंद हो गया था। हालांकि, इसकी वजह से बैटरी कार सेवा बंद कर दी गई थी, जिसे थोड़े समय बाद दोबारा शुरू किया गया। अधिकारियों ने बताया कि हिमकोटि मार्ग पर सत्या व्यू प्वाइंट के पास भूस्खलन हुआ था। हालांकि, इस समय तीर्थयात्रियों की आवाजाही नहीं हो रही थी। ऐसे में इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ। मलबा हटाने के बाद नए मार्ग पर यात्रा दोबारा शुरू हो गई। वहीं, जब तक नया मार्ग बंद था, तब तक पुराने रास्ते से यात्रा जारी रही।