मजीठिया की आय से अधिक संपत्ति मामले में जांच तेज, पूर्व ईडी डिप्टी डायरेक्टर आज होंगे पेश

आय से अधिक संपत्ति मामले में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ जांच तेज हो गई है। इसी सिलसिले में अब ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह आज दोपहर विजिलेंस विभाग के सामने पेश होकर अपना बयान दर्ज कराएंगे। इससे पहले पंजाब के पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय कल विजिलेंस के सामने पेश हुए थे।
निरंजन सिंह वही अधिकारी हैं जिन्होंने 2014 में मजीठिया के खिलाफ ईडी की जांच में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा था कि पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में उनका नाम नहीं था, लेकिन बाद में जब आरोपियों से पूछताछ की गई तो उनका नाम सामने आया। इसके बाद मामले के वित्तीय पहलुओं की जांच भी उनके नेतृत्व में की गई। निरंजन सिंह ने कहा कि यह जांच 2021 में उनकी सेवानिवृत्ति तक जारी रही और अब भी इस मामले की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में जमा कर दी गई है।
पूर्व डीजीपी कल पेश हुए थे
कल पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय विजिलेंस अधिकारियों को ब्यौरा देने के लिए पंजाब पुलिस ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट चंडीगढ़ पहुंचे। सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने मीडिया से कहा कि 2012-13 में मजीठिया के खिलाफ हमारे पास बहुत सारे सबूत थे और आज भी हमारे पास सबूत हैं, लेकिन चूंकि उस समय अकाली दल सत्ता में था, इसलिए उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। उस समय मजीठिया खुद भी मंत्री थे।
चट्टोपाध्याय ने कहा कि वे विजिलेंस को जानकारी देने आए थे, आज भी सबूत सामने आए हैं जो मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए काफी हैं। उन्होंने कहा कि मजीठिया ड्रग मामले में 100 फीसदी शामिल हैं। 2021 में उन्होंने मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज किया था, उस समय वे डीजीपी थे। उस समय भी उन्हें 5 महीने जेल में रहना पड़ा था। उन्होंने कहा कि उस समय हमारे पास केस में क्या जानकारी थी। मैंने उन्हें केस की पूरी पृष्ठभूमि बताई है ताकि वे कोर्ट में मजबूती से केस पेश कर सकें।