अन्नदाता की आय बढ़ाना खेती का खर्च कम करना बीज से बाजार तक आधुनिक सुविधा देना मोदी सरकार की प्राथमिकता है।
वर्ष 2013-14 में कषि क्षेत्रका बजट 27 हजार 663 करोड़ रुपयेर्ष 2025-26 लाख 37 हजार 757 करोड रुपये किया है। इस प्रकार कृषि बजट में 5 गुणा बढोतरी की गई है।
माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में एम.एस.पी में ऐतिहासिक बढ़ोतरी की गई है. इसके लिए प्रधानमंत्री जी का पूरे हरियाणा प्रदेश की ओर से धन्यवाद करता है। फसल नागत से 50 प्रतिशत अधिक एनएसपी ने किसानों को कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से सुरक्षा प्रदान की है।
‘पीएम किसान सम्मान निधि’ योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक किसान परिवारों को प्रति वर्ष 6 हजार रुपये की दर से 3 लाख 70 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी गई।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत मामूली प्रीमियम पर फसल बीमा करके किसानों को 1 लाख 75 हजार करोड रुपये के क्लेम दिए गए।
पी.एम. कुसुम योजना वित्त वर्ष 2020-21 से शुरू की गई थी। इस योजना के तहत 10 लाख 74 हजार सौर पंप लगाए गए।
डेयरी, पशुपालन और अन्य संबंधित गतिविधियों में लगे पशुपालकों की कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं को समय पर पूरा करने के लिए विभिन्न बैंकों द्वारा पशुपालकों को ‘पशु किसान क्रेडिट कार्ड’ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत किसानों को 1 लाख रुपये तक के ऋण की सुविधा दी जाती है।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत वर्ष 2025-26 में के.सी.सी. के तहत ऋण सीमा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये की गई।
मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए अलग विभाग का गठन किया गया है। देश का मत्स्य रिकॉर्ड 184 लाख टन तक पहुंचा।
दूध उत्पादन 64 प्रतिशत की रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज करते हुए 14.6 करोड़ टन से बढ़कर 23.9 करोड़ टन पहुंचा।
ऑपरेशनल मेगा फूड पार्कों में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2014 से पहले केवल 3 मेगा फूड पार्क थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 24 हो गई है।
इसी प्रकार, खाद्य प्रसंस्करण क्षमता में 20 गुणा से अधिक वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 में खाद्य प्रसंस्करण क्षमता 12 लाख मीट्रिक टन थी, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 242 लाख मीट्रिक टन पहुंच गई है।
प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में लगभग 2 गुणा वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 में यह निर्यात 4.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो वर्ष 2024-25 में 9.03 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता गरीब विशोषित और पीडित वर्ग का कल्याण रही है। पिछले 11 वर्षों में करोड़ों लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर उठाया गया है।
पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 81 करोड़ लोगों को हर महीने मुफत अनाज दिया जा रहा है।
जल जीवन मिशन के माध्यम से 15 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाया गया है जो हमारी माताओं-बहनों के जीवन में एक क्रांतिकारी बदलाव लाया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 4 करोड़ से अधिक गरीब परिवारों को पक्का घर मिला है।
स्वच्छ भारत मिशन’ केवल एक सरकारी योजना नहीं बल्कि एक जन आंदोलन बनाइसकेत 12 करोड से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ और देश खुले में शौच से मुक्त हुआ। इसने हमारी माताओं-बहनों की सम्मान और सुरक्षा प्रदान की।
पीएम स्वनिधि योजना के तहत 68 लाख रेहडी फड़ी वालों को आर्थिक बल मिला है।
स्टैंडअप योजना के तहत अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के 2 लाख 74 हजार लाभार्थियों को 14 हजार 700 करोड़ रुपये से अधिक के लोन दिए गए। यह योजना उद्यमिता के अवसर उपलब्ध कर कमजोर वर्गों को सशक्त कर रही है।
युवा भारत के सपनों को पंख देने और आत्मनिर्भरता के अवसर पैदा करने के लिए 34 लाख करोड़ रुपये के ऋण स्वीकृत किए गए।
‘प्रधानमंत्री जन धन योजना’ के माध्यम से 55 करोड़ से अधिक लोगों को बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ा गया. जिससे वित्तीय समावेशन का एक नया अध्याय लिखा गया।
‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ के माध्यम से 51 करोड़ से अधिक लोगों का बीमा पंजीकरण किया गया।
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत 18 से 50 वर्ष तक की आयु के 24 करोड़ लोगों का बीमा किया गया।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया।
डी-नोटिफाइड, घुमंतु, अर्ध-घुमंतु जनजातियों के लिए राष्ट्रीय आयोग की स्थापना की।
उच्च शिक्षा में 10 प्रतिशत EWS कोटा लागू किया। OBC और EWS के लिए मेडिकल एजुकेशन में अखिल भारतीय कोटा सीटों में आरक्षण लागू किया।
‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ के तहत 10 करोड़ 33 लाख गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन देकर उन्हें घुएं भरी जिंदगी से मुक्ति दिलाई।
‘आयुष्मान भारत योजना’ दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है, जिसके अंतर्गत 77 करोड़ से अधिक लोगों को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित हुआ है।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत आज दुनिया का नेतृत्व कर रहा है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने श्री रामलला मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में 22 जनवरी, 2024 को पी.एम. सूर्य घर योजना का शुभारंभ करके गरीबों के घर मुफ्त बिजली से रोशन करने का काम किया है। इसका लक्ष्य देश के 1 करोड़ घरों पर सोलर सिस्टम लगाकर, उन्हें 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देना है।
पी.एम. सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के तहत हरियाणा में 2 लाख घरों की छतों पर मुफ्त में सोलर सिस्टम लगाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में अब तक 17 हजार से अधिक सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं।
ये आंकड़े केवल संख्याएं नहीं हैं, बल्कि ये करोड़ों भारतीयों के जीवन में आए सकारात्मक बदलाव की कहानियां हैं। यह मोदी जी की उस संवेदना को दर्शाता है, जो वे गरीब के प्रति रखते हैं।
प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में आज हमारा देश अपनी उन्नत प्रौद्योगिकी के बल पर न बल्कि सूर्ययान चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशन सफलतापूर्वक पूरे कर रहा है। केवलादता रहा है
हमने Space Docking Exercise मिशन के तहत अंतरिक्ष में दो भारतीय सैटेलाइट को सफलतापूर्वक जोडकर (Docking) इतिहास रचा है। इस उपलब्धि के साथ अमेरिका और चीन के बाद ऐसा करने वाला भारत चौथा देश बन गया है। इससे हर भारतवासी गौरवान्वित हुआ है।
चांद के दक्षिणी घव पर चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक उतारने वाला भारत दुनिया का पहला देश है। हमारा मान आदित्य 1 सूर्य की कक्षा में स्थापित होकर सूर्य का अध्ययन कर रहा है।
जब वर्ष 2014 में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के प्रधान सेवक का पदभार संभाला उस सम हमारी अर्थव्यवस्था पूरे संसार में 11वें स्थान पर थी। हमें गर्व है कि आज माननीय प्रधानमंत्री जी के कमल नेतृत्व और दरदर्शी नीतियों की वजह से अब हम दुनिया की चौथी बडी अर्थव्यवस्था बन गए हैं।
भारत का कुल निर्यात वर्ष 2024-25 में 825 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। इंजीनियरिंग निर्यात वर्ष 2014-15 में 73 बिलियन डॉलर था, जो वर्ष 2024-25 में बढ़कर 117 बिलियन डॉलर हो गया है।
भारत के रक्षा निर्यात में वर्ष 2014 से 34 गुणा बढ़ोतरी हुई है। भारत का रक्षा निर्यात वर्ष 2024-25 में बढ़कर 23 हजार 622 करोड रुपये हो गया है। जो कि वर्ष 2016 से पहले 1521 करोड़ रुपये था।
पिछले 10 वित्तीय वर्षों में भारत में लगभग 668 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जबकि वर्ष 2000 से 2014 तक 323 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ था। हुआ है.
प्रधानमंत्री जी ने नोटबंदी और कालेधन के खिलाफ कठोर कदमों से समानांतर अर्थव्यवस्था पर करारा प्रहार किया।
पूरी दुनिया आज भारत के डिजिटल भुगतान मॉडल की प्रशंसा करती है। डिजिटल इंडिया के माध्यम से गांव-गांव में इंटरनेट सेवाएं पहुंचाई गई हैं। UPI और भीम ऐप ने लेन-देन को आसान और पारदर्शी बनाया है।
कोरोना काल में केवल देश को संभाला ही नहीं, बल्कि ‘मेड इन इंडिया’ वैक्सीन बनाकर दुनिया की भी सहायता की।
इससे पहले भी माननीय प्रधानमंत्री जी ने देशहित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिये हैं। जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद-370 व धारा 35-ए को हटाकर उन्होंने कश्मीर से कन्याकुमारी तक अखंड भारत का राष्ट्रीय सपना साकार किया है। लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर विकास का नया द्वार खोला गया है।
500 वर्षों की प्रतीक्षा को समाप्त कर राम जन्मभूमि अयोध्या में श्री रामलला के भव्य मंदिर का निर्माण करवाया, जो हमारे सांस्कृतिक गर्व और आस्था का प्रतीक बना है। काशी विश्वनाथ धाम और महाकाल लोक का पुनर्विकास हमारी सांस्कृतिक चेतना को जागृत करता है।
हाल ही में, आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर, वर्ष 2016 के उरी हमले के प्रतिशोध में सर्जिकल स्ट्राइक और वर्ष 2019 में हुए पुलवामा हमले का पाकिस्तान को मुंहतोड़ जबाव अगर संभव हुआ है तो केवल मोदी जी के कुशल नेतृत्व और दृढ़ निर्णय क्षमता से हुआ है।
आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भारत आज नीति-निर्धारक बन चुका है। आज भारत G-20 की अध्यक्षता करता है। ब्रिक्स जैसे मंचों पर नेतृत्व करता है।
माननीय प्रधानमंत्री जी ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना से पूरी दुनिया को भारत का सांस्कृतिक संदेश दिया है। माननीय प्रधानमंत्री जी के प्रयासों से अब 21 जून को पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है।
इनके अलावा वन रैंक वन पेंशन, नागरिकता संशोधन कानून, तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्ति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान, वक्फ संशोधन अधिनियम-2025 आदि अनेक युग परिवर्तनकारी कदम उठाए गए हैं।
वाली महिलाएं हों. कारोबार रोजगार में व्यस्त महिलाएं हों या घर के काम में व्यस्त महिलाएं हों, उनके जीवन को आसान बनाने के लिए बीते 11 वर्षों में मोदी सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं।
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असंतुलित लिंगानुपात की समस्या से निपटने तथा बेटी के जन्म के प्रति लोगों की सोच में सकारात्मक बदलाव लाने के उददेश्य से माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 22 जनवरी 2015 को पानीपत की ऐतिहासिक घरा से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस अभियान ने न केवल लिंगानुपात में सुधार किया है बल्कि बेटियों की शिक्षा और सशक्तिकरण को भी बढ़ावा दिया है। भारत में पहली बार वर्ष 2024 में लिंगानुपात सुधरकर 1,000 पुरुषों पर 1,020 महिलाएं हुआ है जोकि वर्ष 2014 में 918 था।
‘सुकन्या समृद्धि योजना’ की शुरुआत भी माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 22 जनवरी 2015 को पानीपत की ऐतिहासिक धरा से की गई। इस स्कीम के अंतर्गत 4 करोड 20 लाख सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए।
वर्ष 2023 में मातृ मृत्यु दर घटकर 80 हो गई है, जोकि वर्ष 2011-13 में 167 थी।
महिलाओं के लिए उद्यमिता के नए अवसर सृजित किए गए हैं। मुद्रा योजना के लाभार्थियों में बढ़ी संख्या महिलाओं की है। मुद्रा योजना में 35 करोड़ 38 लाख महिलाओं को 14 लाख 72 हजार करोड़ रुपये के मुद्रा ऋण दिए गए।
संसद और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पारित करना एक ऐतिहासिक कदम है, जो राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को अभूतपूर्व रूप से बढ़ाएगा। मैं बताना चाहूंगा कि वर्ष 2014 से पहले लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 10 प्रतिशत से भी कम था।
रक्षा सेवाओं में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन प्रदान किया गया। सैनिक स्कूलों में बेटियों के प्रवेश को मंजूरी दी गई है।
सशस्त्र बलों ने एन.डी.ए. में महिला उम्मीदवारों के लिए प्रवेश खोले।
जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पहली बार राइफल महिलाओं की तैनाती की गई।
दुनियाभर में सबसे ज्यादा महिला पायलट भारत में हैं।
चंद्रयान-3 मिशन को अंजाम देने में 100 से अधिक महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
आई.आई.टी. में महिलाओं के नामांकन में दोगुणा से भी अधिक बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2016 से पहले महिलाओं के नामांकन की दर 8 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2024 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई है।
महिलाओं को कौशल विकास के विशेष अवसर प्रदान किए जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों को सशक्त बनाया जा रहा है। ‘लखपत्ति दीदी’ अभियान में 3 करोड़ से अधिक महिलाओं को लखपति बनाया जा रहा है।
‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ के तहत 3 करोड़ 98 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को 18 हजार 593 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई।
देश की 10 करोड़ महिलाओं को 90 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों में संगठित किया गया है।
महिलाओं के विरुद्ध अपराधों पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए, पुलिसिंग व्यवस्था को और अधिक संवेदनशील और प्रभावी बनाया गया है।
सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क, महिला हेल्पलाइन नंबरों की सक्रियता और त्वरित न्यायिक प्रक्रिया सुनिश्चित की जा रही है। हर जिले में ‘वन स्टॉप सेंटर-सखी खोले गए हैं।