हरियाणा: विस के शीतकालीन सत्र में गूंजेगा खिलाड़ियों की मौत का मुद्दा, विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति की तैयार
चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह में शुरू होगा। शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने नायब सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की है। खासकर रोहतक और झज्जर में युवा खिलाड़ियों की मौत पर सदन में हंगामा होने के आसार हैं। विपक्षी की ओर से खेल स्टेडियमों में जर्जर खेल सुविधाओं का मुद्दा जोर-शोर से उठाया जाएगा। वहीं, भाजपा ने भी विपक्षी दलों की रणनीति का माकूल जवाब देने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। हरियाणा विधानभा का शीतकालीन सत्र 26 दिसंबर से शुरू होने की संभावना है। 8 दिसंबर को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में तारीखों पर अंतिम मुहर लगेगी। सत्र छोटा लेकिन महत्वपूर्ण माना जा रहा है। 27 और 28 दिसंबर को अवकाश रहेगा, जबकि 29 और 30 दिसंबर को सदन कामकाज करेगा। 31 दिसंबर को साल के अंतिम दिन कार्यवाही जल्दी समाप्त होने की उम्मीद है। इस दौरान कई विधायी कार्य भी पेश किए जा सकते हैं, जिनकी तैयारी तेज है।
संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह मुद्दा लोकसभा में उठाने की घोषणा की है, जबकि हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस और इनेलो विधायक इस पर राज्य सरकार से सीधा जवाब मांगने की तैयारी में हैं। विपक्ष का कहना है कि खिलाड़ियों की सुरक्षा और खेल बुनियादी ढांचे की उपेक्षा ने यह दुखद हादसा पैदा किया है। कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे पर काम रोकों प्रस्ताव लाए जाने की भी चर्चा है, जिससे सदन में हंगामेदार माहौल की संभावना और बढ़ गई है। विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राव नरेंद्र सिंह, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी सैलजा और इनेलो प्रमुख अभय सिंह चौटाला पहले ही सरकार पर खेल सुविधाओं की उपेक्षा का आरोप लगा चुके हैं। विधानसभा सत्र में यह मामला सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में खेलों में अभी तक जलभराव की समस्या का समाधान नहीं होने तथा बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलने के मुद्दों पर भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए जा सकते हैं। इन दोनों मुद्दों पर कांग्रेस व इनेलो विधायक राज्यपाल प्रो. असीम घोष से मुलाकात कर चुके हैं। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति और धान घोटाले में हैफेड के जिला प्रबंधकों के शामिल होने समेत कई मुद्दों पर विधानसभा में कांग्रेस व इनेलो विधायक सरकार के जवाब मांगते नजर आएंगे। इसके विपरीत हरियाणा सरकार की ओर से इन सभी बिंदुओं पर जवाब तैयार किए जा रहे हैं, ताकि विपक्ष को आईना दिखाया जा सके।
