Haryana का नया DGP बनेगा ये शख्स ? CM मनोहर लाल की हैं पहली पसंद !

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हरियाणा के सियासी गलियारों से लेकर प्रशासनिक हलको में आजकल एक ही सवाल घूम रहा है कि आखिर हरियाणा का नया डीजीपी (Haryana DGP)कौन होगा?

1988 बैच के आईपीएस अधिकारी मनोज यादव एक बार राज्य के डीजीपी रह चुके हैं अब वे केंद्र में तैनात है। तो वहीं 1988 बैच के ही पी के अग्रवाल वर्तमान में डीजीपी हैं।

आपको बता दें कि राज्य के डीजीपी के लिए जो नाम चर्चा में हैं। उनमें 1989 बैच के आईपीएस मो. अकिल और इसी बैच के डॉ. आरसी मिश्रा के साथ 1990 बैच के आईपीएस (Haryana IPS) शत्रुजीत सिंह कपूर (Shatrujeet Singh Kapoor) का नाम शामिल है। शत्रुजीत कपूर इस वक्त हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो के चीफ है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी शत्रुजीत कपूर (Shatrujeet Singh Kapoor) डीजीपी की दौड़ में सबसे आगे हैं। बताया जाता है कि वे मुख्यमंत्री मनोहर लाल (CM Manohar Lal) की पहली पसंद हैं।

ऐसे में चर्चा है कि राज्य के नए डीजीपी के तौर उनके नाम का ऐलान हो सकता है, हालांकि वरिष्ठता के हिसाब से 1989 बैच के आईपीएस मो. अकिल और इसी बैच के डॉ. आरसी मिश्रा भी दौड़ में शामिल हैं।

हरियाणा के जींद से ताल्लुक रखने वाले शत्रुजीत कपूर (Shatrujeet Singh Kapoor) के बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने बिजली वितरण निगम के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के तौर काफी अच्छा काम किया था। इसके बाद ही सरकार ने उन्हें स्टेट विजिलेंस ब्यूरो (अब एंटी करप्शन ब्यूरो) का डीजी बनाकर नई जिम्मेदारी दी थी।

सूत्रों के मुताबिक शत्रुजीत कपूर पुलिस सेवा के अलावा सीआईडी के प्रमुख भी रह चुके हैं। इतना ही नहीं वे परिवहन विभाग में भी काम कर चुके हैं। तब उन्होंने बिजली निगमों के बाद परिवहन निगम को घाटे से उबारने की कोशिश की थी। उन्होंने अपने काम से अलग लकीर खींची है। ऐसे में वे मुख्यमंत्री की पहली पसंद हैं।

शत्रुजीत कपूर (Shatrujeet Singh Kapoor) हरियाणा के उन अफसरों में शामिल हैं। जिन्हें पुलिस सेवा से अलग आईपीएस की पोस्ट पर भी काम करने का मौका मिला है। जब कपूर को बिजली विभाग का चेयरमैन बनाया गया था। उस वक्त पर भी काफी बवाल हुआ था। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने वाले शत्रुजीत कपूर हाल ही में कई मामलों कड़ी कार्रवाई कर चुके हैं। वे कई आईएएस अफसरों पर भी हाथ डाल चुके हैं तो वहीं एचसीएस ऑफिसर के खिलाफ एक्शन लेने में नहीं हिचके हैं।

सूत्रों के अनुसार फिलहाल वे डीजीपी की दौड़ में सबसे आगे हैं। और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की पहली पसंद भी हैं। सूत्र कहते हैं गृह मंत्री अनिल विज राजी नहीं हैं। सितंबर, 2021 में जब सरकार ने शत्रुजीत कपूर को परिवहन विभाग की कमान सौंपी थी तो गृह मंत्री अनिल विज की आपत्ति सामने आई थी। विज की दलील थी कि जो पुलिस ऑफिसर दूसरे कामों में लगें उन्हें वापस लाकर पुलिसिंग में लगाया जाए।

तब हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अशोक खेमका का विरोध भी सामने आया था, हालांकि बाद में अनिल विज यह कह दिया था कि मुख्यमंत्री सर्वेसर्वा हैं वे कोई भी निर्णय ले सकते हैं। इस बार शत्रुजीत कपूर को लेकर विज का कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है लेकिन सूत्र बताते हैं कि वे कपूर के नाम को लेकर सहज नहीं हैं।

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