हरियाणा में जीत के सपने देख रही कांग्रेस हार क्यों गई? बागियों ने इस तरह बिगाड़ दिया खेल

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हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं. राज्य की कुल 90 विधानसभा सीटों में से बीजेपी को 48, कांग्रेस को 37, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को 2 और निर्दलीय उम्मीदवारों को 3 विधानसभा क्षेत्रों में जीत मिली है. मतदान के बाद आए विभिन्न एक्जिट पोल में हरियाणा कांग्रेस को बहुमत मिलने की संभावना जताई गई थी, लेकिन नतीजे बीजेपी के पक्ष में आए. बीजेपी को पूर्ण बहुमत हासिल हो गया है और वह सरकार बनाने जा रही है. हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के बावजूद कांग्रेस असफल क्यों हुई? इसके पीछे प्रमुख कारण पार्टी में बगावत है.

कांग्रेस ने कई दावेदारों नेताओं को विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के टिकट नहीं दिए. इससे गुस्साए नेताओं ने बगावत का रास्ता अपना लिया और अपनी ही पार्टी के उम्मीदवारों के खिलाफ बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गए. बागी उम्मीदवारों में से जीत तो सिर्फ एक के हिस्से में आई, लेकिन बाकी बागी न तो खुद जीते, न ही कांग्रेस के उम्मीदवारों को जीतने दिया. उन्होंने कांग्रेस के वोट काटे जिसका फायदा बीजेपी को मिला.

तिगांव में बीजेपी 37401 वोट से जीती. कांग्रेस के बागी ललित नागर बतौर निर्दलीय 56828 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे. उचाना कलां में कांटे के मुकाबले में बीजेपी 32 वोट से जीती. कांग्रेस प्रत्याशी ब्रिजेंद्र सिंह की हार हुई और कांग्रेस के बागी वीरेंद्र घोघड़िया को 31456 वोट मिले.

अंबाला कैंट सीट पर अनिल विज 7277 वोटों से जीते. कांग्रेस की बागी चित्रा सरवारा बतौर निर्दलीय 52581 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहीं और कांग्रेस उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे. बाढड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार सोमवीर सिंह 7585 वोट से हार गए. इस सीट पर कांग्रेस के बागी सोमवीर घसोला को बतौर निर्दलीय उम्मीदवार 26730 वोट मिले.

बहादुरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय उम्मीदवार राजेश जून ने लगभग 42 हजार वोटों से जीत दर्ज की. कांग्रेस के उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे. दरअसल राजेश जून कांग्रेस से टिकट के प्रबल दावेदार थे. टिकट नहीं मिलने पर बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव लड़े और जीत गए.

बल्लभगढ़ सीट पर बीजेपी के मूलचंद शर्मा ने 17 हजार वोटों से जीत हासिल की. कांग्रेस की बागी पूर्व विधायक शारदा राठौर ने बतौर निर्दलीय 44 हजार वोट हासिल किए. वे दूसरे नंबर पर रहीं. कांग्रेस उम्मीदवार पराग शर्मा चौथे स्थान पर रहे. बवानी खेड़ा में बीजेपी ने 21 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज की और कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही. कांग्रेस के बागी सतबीर रतेरा को बतौर निर्दलीय 11287 वोट मिले.

पानीपत ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी ने कांग्रेस को 50 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. कांग्रेस से टिकट मांग रहे विजय जैन को बतौर निर्दलीय 43 हजार वोट मिले. सोहना में कांग्रेस उम्मीदवार की 11877 वोटों से हार हुई. कांग्रेस से टिकट के दावेदार रहे जावेद अहमद को बतौर निर्दलीय 49210 वोट मिले.

 

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