हरियाणा के आयुष्मान लाभार्थियों को झटका: इलाज के लिए खाने पड़ेंगे धक्के, जानिए क्या है वजह?

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आखिरकार प्रदेश सरकार के साथ सूचीबद्ध 675 निजी अस्पतालों में बुधवार रात 12 बजे से आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का इलाज बंद कर दिया गया। बुधवार रात आईएमए हरियाणा और सूचीबद्ध निजी अस्पताल संचालकों की ऑनलाइन बैठक में यह फैसला लिया गया। इससे पहले दिन में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने आईएमए पदाधिकारियों के साथ बैठक की और इलाज बंद न करने की अपील की लेकिन बात नहीं बनी।

प्रदेश के 675 निजी अस्पतालों के आयुष्मान योजना के तहत किए गए इलाज के करीब 700 करोड़ रुपये राज्य सरकार के पास अब भी बकाया थे। एक सप्ताह पहले आईएमए ने भुगतान न होने पर सरकार को सात अगस्त से आयुष्मान योजना के तहत इलाज बंद करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद मंगलवार को सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि निजी अस्पतालों को भुगतान के लिए बजट की मंजूरी देते हुए पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर भुगतान प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

बुधवार दोपहर स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने आईएमए पदाधिकारियों के साथ बैठक की। आईएमए की ओर से इसमें अध्यक्ष डॉ. एमपी जैन, पूर्व प्रधान डॉ अजय महाजन, निर्वाचित अध्यक्ष डॉ सुनीला सोनी, सचिव डॉ धीरेंद्र सोनी और आयुष्मान समिति के अध्यक्ष डॉ सुरेश अरोड़ा शामिल हुए। डॉ. अजय महाजन ने बताया कि सरकार की ओर से अभी 245 करोड़ रुपये ही जारी किए गए हैं। इनमें से 175 करोड़ रुपये इस तिमाही के बजट के रूप में हरियाणा सरकार और 70 करोड़ केंद्र सरकार के हिस्से के हैं। अब भी 490 करोड़ रुपये सरकार के पास रुके हुए हैं। सरकार की ओर से अगले भुगतान के लिए विधानसभा के मानसून सत्र में अनुपूरक बजट की मांग रखने की बात कही गई है।

आईएमए प्रतिनिधियों ने देरी से भुगतान पर अनुबंध के अनुसार ब्याज देने की मांग की लेकिन अतिरिक्त मुख्य सचिव ने ब्याज देने से इन्कार कर दिया। पोर्टल पर स्वचालित रूप से प्रत्यारोपण आदि की कटौती पर उन्होंने कहा कि एनएचए ने पहले ही इसका भुगतान कर दिया है। हालांकि अस्पतालों ने भुगतान मिलने से इन्कार किया है।

सरकार अनुबंधित अस्पतालों को निरंतर भुगतान राशि जारी कर रही है। सभी लंबित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। निजी अस्पताल संचालकों को इलाज बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। इलाज बंद करने से जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं बाधित हो सकती हैं। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी। -डॉ. सुधीर राजपाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग

भुगतान के अलावा हमारी मांग है कि सिस्टम सुधारा जाए। हम लोग हर चार महीने बाद सरकार के सामने हाथ नहीं फैला सकते। जब तक हमारी सभी मांगें पूरी नहीं होतीं तब तक हम आयुष्मान योजना के तहत इलाज नहीं करेंगे। -डॉ. अजय महाजन, पूर्व प्रधान आईएमए हरियाणा

आयुष्मान योजना के तहत इन बीमारियों का होता है इलाज

1. हृदय संबंधी रोग – कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी), हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इन्फार्क्शन), कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर (सीएचएफ), हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी जटिलताएं, एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी।

2. कैंसर का इलाज – कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर, मुंह का कैंसर, पेट-आंत से जुड़े कैंसर, फेफड़ों का कैंसर।

3. न्यूरोलॉजिकल रोग – स्ट्रोक और लकवा, ब्रेन ट्यूमर, मिर्गी का इलाज, रीढ़ की हड्डी के विकार, पार्किंसन रोग

4. गुर्दा और यूरिनरी रोग – क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी), किडनी ट्रांसप्लांट (आंशिक कवरेज), डायलिसिस (हीमो और पेरिटोनियल दोनों), मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई), प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्याएं।

5. लीवर व पेट संबंधी रोग – लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस बी और सी, पित्ताशय की पथरी, अपेंडिक्स की सर्जरी, हर्निया ऑपरेशन।

6. सांस की बीमारियां- अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओबीडी), टीबी (ट्यूबरकुलोसिस), न्यूमोनिया, इंटरस्टिशियल लंग डिजीज (आईएलडी)।

7. हड्डी और जोड़ संबंधी समस्याएं- हिप और घुटने की सर्जरी, फ्रैक्चर और हड्डी की चोटें, ऑस्टियोपोरोसिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस।

8. स्त्री रोग और प्रसूति – सामान्य और सी-सेक्शन डिलीवरी, यूट्रस निकालने की सर्जरी (हिस्टेरेक्टॉमी), अंडाशय की गांठ (ओवरी सिस्ट), बांझपन का सीमित इलाज

9. बाल रोग – जन्मजात हृदय दोष, बच्चों के कैंसर, कुपोषण से जुड़ी बीमारियां, नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल।

10. संक्रामक रोग – डेंगू और मलेरिया, एचआईवी/ एड्स का सीमित इलाज, कुष्ठ रोग, टायफाइड और हैजा

11. हार्मोन और मेटाबॉलिक रोग – डायबिटीज से जुड़ी जटिलताएं, थायरॉयड विकार, पिट्यूटरी ग्रंथि से जुड़ी समस्याएं, मोटापे से संबंधित बीमारियां

12. मानसिक स्वास्थ्य में स्किज़ोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, गंभीर डिप्रेशन का इलाज, काउंसलिंग और मनोरोग देखभाल

क्या नहीं होता कवर ?

  • ओपीडी परामर्श, कॉस्मेटिक या सौंदर्य संबंधी सर्जरी, बांझपन और प्रजनन से जुड़ा इलाज, स्व-प्रेरित चोटें और नशे से जुड़ा इलाज
  • कवर के तहत ये खर्च शामिल
  • चिकित्सा जांच और इलाज
  • दवाइयां और मेडिकल सामग्री
  • सामान्य और गहन देखभाल सेवाएं (आईसीयू/एनआईसीयू)
  • जांच और लैब टेस्ट (डायग्नोस्टिक सेवाएं)
  • जरूरत पड़ने पर मेडिकल इम्प्लांट (जैसे स्टेंट या कृत्रिम अंग)
  • अस्पताल में रहने का खर्च (रहने की व्यवस्था)
  • भोजन की व्यवस्था (खाद्य सेवाएं)
  • इलाज के दौरान उत्पन्न जटिलताओं का इलाज
  • डिस्चार्ज के बाद 15 दिन तक फॉलो-अप और देखभाल

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