आयुष्मान योजना के तहत इन बीमारियों का होता है इलाज
1. हृदय संबंधी रोग – कोरोनरी आर्टरी डिजीज (सीएडी), हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इन्फार्क्शन), कंजेस्टिव हार्ट फेल्योर (सीएचएफ), हाई ब्लड प्रेशर से जुड़ी जटिलताएं, एंजियोप्लास्टी और बाईपास सर्जरी।
2. कैंसर का इलाज – कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल (गर्भाशय ग्रीवा) कैंसर, मुंह का कैंसर, पेट-आंत से जुड़े कैंसर, फेफड़ों का कैंसर।
3. न्यूरोलॉजिकल रोग – स्ट्रोक और लकवा, ब्रेन ट्यूमर, मिर्गी का इलाज, रीढ़ की हड्डी के विकार, पार्किंसन रोग
4. गुर्दा और यूरिनरी रोग – क्रॉनिक किडनी डिजीज (सीकेडी), किडनी ट्रांसप्लांट (आंशिक कवरेज), डायलिसिस (हीमो और पेरिटोनियल दोनों), मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई), प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्याएं।
5. लीवर व पेट संबंधी रोग – लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस बी और सी, पित्ताशय की पथरी, अपेंडिक्स की सर्जरी, हर्निया ऑपरेशन।
6. सांस की बीमारियां- अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओबीडी), टीबी (ट्यूबरकुलोसिस), न्यूमोनिया, इंटरस्टिशियल लंग डिजीज (आईएलडी)।
7. हड्डी और जोड़ संबंधी समस्याएं- हिप और घुटने की सर्जरी, फ्रैक्चर और हड्डी की चोटें, ऑस्टियोपोरोसिस, रूमेटाइड अर्थराइटिस।
8. स्त्री रोग और प्रसूति – सामान्य और सी-सेक्शन डिलीवरी, यूट्रस निकालने की सर्जरी (हिस्टेरेक्टॉमी), अंडाशय की गांठ (ओवरी सिस्ट), बांझपन का सीमित इलाज
9. बाल रोग – जन्मजात हृदय दोष, बच्चों के कैंसर, कुपोषण से जुड़ी बीमारियां, नवजात शिशुओं की विशेष देखभाल।
10. संक्रामक रोग – डेंगू और मलेरिया, एचआईवी/ एड्स का सीमित इलाज, कुष्ठ रोग, टायफाइड और हैजा
11. हार्मोन और मेटाबॉलिक रोग – डायबिटीज से जुड़ी जटिलताएं, थायरॉयड विकार, पिट्यूटरी ग्रंथि से जुड़ी समस्याएं, मोटापे से संबंधित बीमारियां
12. मानसिक स्वास्थ्य में स्किज़ोफ्रेनिया, बाइपोलर डिसऑर्डर, गंभीर डिप्रेशन का इलाज, काउंसलिंग और मनोरोग देखभाल
क्या नहीं होता कवर ?
- ओपीडी परामर्श, कॉस्मेटिक या सौंदर्य संबंधी सर्जरी, बांझपन और प्रजनन से जुड़ा इलाज, स्व-प्रेरित चोटें और नशे से जुड़ा इलाज
- कवर के तहत ये खर्च शामिल
- चिकित्सा जांच और इलाज
- दवाइयां और मेडिकल सामग्री
- सामान्य और गहन देखभाल सेवाएं (आईसीयू/एनआईसीयू)
- जांच और लैब टेस्ट (डायग्नोस्टिक सेवाएं)
- जरूरत पड़ने पर मेडिकल इम्प्लांट (जैसे स्टेंट या कृत्रिम अंग)
- अस्पताल में रहने का खर्च (रहने की व्यवस्था)
- भोजन की व्यवस्था (खाद्य सेवाएं)
- इलाज के दौरान उत्पन्न जटिलताओं का इलाज
- डिस्चार्ज के बाद 15 दिन तक फॉलो-अप और देखभाल