खुशखबरी! चंडीगढ़ में अब OBC वर्ग को हरियाणा जैसा मिला आरक्षण, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला

चंडीगढ़। केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए हरियाणा राज्य में लागू ‘पिछड़ा वर्ग (सेवाओं और शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण) अधिनियम, 2016’ को संघ शासित क्षेत्र चंडीगढ़ में भी लागू कर दिया है। यह अधिनियम अब यहां की सेवाओं और शैक्षणिक संस्थाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27% आरक्षण की गारंटी देगा।
ये अधिसूचना पांच अगस्त से प्रभावी हो गई है। यह अधिनियम हरियाणा सरकार द्वारा 2016 में पारित किया गया था। इसका उद्देश्य था कि पिछड़े वर्ग के लोगों को सरकारी सेवाओं और शिक्षण संस्थाओं में प्रतिनिधित्व मिले। अब यह अधिनियम कुछ संशोधनों के साथ चंडीगढ़ में लागू किया गया है।
चंडीगढ़ में ओबीसी को 27% आरक्षण नौकरियों और शिक्षा क्षेत्र में मिलेगा। यह आरक्षण चरणबद्ध ढंग से छह वर्षों में लागू किया जाएगा। पहले वर्ष में तीन प्रतिशत तथा दूसरे में चार प्रतिशत लागू होगा।
इसके बाद तीसरे वर्ष में चार, चौथे वर्ष में पांच, पांचवें वर्ष में पांच और छठे वर्ष में छह प्रतिशत आरक्षण लागू होगा। इस तरह छह वर्षों में चरणबद्ध तरीके से कुल 27 प्रतिशत आरक्षण लागू होगा। यह आरक्षण केवल ‘क्रीमी लेयर’ से बाहर के ओबीसी वर्गों को मिलेगा।
ओबीसी की केंद्रीय सूची के आधार पर पात्रता तय होगी। इसी तरह ओबीसी जातियों की सूची भी 71 जातियों का जिक्र नोटिफिकेशन में किया गया है। अधिसूचना में ‘पिछड़ा वर्ग’ शब्द के स्थान पर ‘अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)’ किया है।
इस व्यवस्था का लाभ अधिसूचना में ओबीसी की 71 जातियों की सूची दी गई है, जिनमें अहीर/यादव, सैनी, नाई, कुम्हार, लोहान, मोची, बुनकर, सुनार, पाल, गडरिया, घासी, धोबी, मल्लाह, कश्यप-राजपूत, राय सिख, गुर्जर, मीना, लबाना, रामगढ़िया, रेहारी, ठठेरा सहित कुछ अन्य जातियां शामिल हैं।