चंडीगढ़ की झुग्गी से करोड़ों की दुनिया तक: राजस्थान से आए युवक का सफर, रेहड़ी से फाइनेंस कारोबार तक, जांच एजेंसी की कार्रवाई में खुली परतें
रामलाल चौधरी 1976 में चंडीगढ़ आया और रेहड़ी और छोटे-मोटे काम कर गुजारा करने लगा। ईडी की जांच के अनुसार, रामलाल चौधरी ने अवैध तरीकों से 150 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बनाई है। चंडीगढ़ के सेक्टर-46 निवासी फाइनेंसर और प्रॉपर्टी डीलर रामलाल चौधरी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोपों में रामलाल चौधरी और उसके बेटे अमित कुमार के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट दाखिल होने के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए 6 फरवरी से सुनवाई तय की है। ईडी की कार्रवाई की जड़ें चार साल पहले तक जाती हैं जब चंडीगढ़ पुलिस ने रामलाल चौधरी को धोखाधड़ी के दो बड़े मामलों में गिरफ्तार किया था। इन मामलों की जांच के दौरान उसके वित्तीय नेटवर्क और संपत्तियों का खुलासा हुआ जिसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से केस अपने हाथ में लिया। करीब तीन साल तक चली जांच के बाद अब चार्जशीट दाखिल की गई है।
मजदूरी से शुरुआत, फिर बदली किस्मत
करीब पांच दशक पहले तक रामलाल चौधरी दिहाड़ी मजदूरी कर अपना जीवन यापन करता था। वर्ष 1976 में वह राजस्थान से चंडीगढ़ पहुंचा और रामदरबार कॉलोनी की झुग्गियों में रहने लगा। शुरुआती वर्षों में उसने रेहड़ी लगाने और छोटे-मोटे काम करके गुजारा किया। समय के साथ उसने कुछ प्रभावशाली लोगों और पुलिस से जुड़े व्यक्तियों से संपर्क बढ़ाया और धीरे-धीरे फाइनेंस से जुड़े काम में उतर गया।
आरोप है कि वह लोगों को सरकारी तंत्र में प्रभाव और आपराधिक मामलों में राहत दिलाने का भरोसा देकर बड़ी रकम वसूलता था।
150 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का दावा
Enforcement Directorate (ईडी) की जांच में दावा किया गया है कि रामलाल चौधरी ने कथित तौर पर अवैध गतिविधियों के जरिए 150 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति बनाई। कार्रवाई के दौरान उसके पास से बीएमडब्ल्यू और मर्सिडीज जैसी महंगी गाड़ियां भी सामने आई थीं। ईडी अब उससे जुड़े बैंक खातों, निवेश और संपत्ति के स्रोतों की विस्तार से जांच कर रही है।
ठगी के मामलों से जुड़ा नाम
करीब चार वर्ष पहले गुरुग्राम के एक कारोबारी अतुल्य शर्मा ने निवेश के नाम पर पांच करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद रेवाड़ी के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने भी छह करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया।
रामलाल चौधरी का नाम समय-समय पर दुष्कर्म और हत्या जैसे गंभीर मामलों में भी सामने आता रहा है। वर्ष 2014 में सेक्टर-49 में एक मॉडल युवती की हत्या के मामले में उसे, उसकी बेटी और दो अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, हालांकि बाद में अदालत से सभी को राहत मिल गई थी।
