चंडीगढ़ की सड़कों से कूड़ा उठा रहे पंजाब पुलिस के पूर्व DIG, वजह जानकर आप भी करेंगे सैल्यूट

चंडीगढ़। हाल ही में चंडीगढ़ ने सफाई के मामले में पूरे देश में दूसरा स्थान हासिल किया। यह रैंक स्वच्छ सर्वेक्षण- 2024 में तीन से दस आबादी वाले शहरों के वर्गों को मिली थी। नई दिल्ली में हुए एक कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहर को सम्मानित किया।
जहां साफ-सफाई के मामले में चंडीगढ़ ने दूसरा स्थान हासिल किया। वहीं, आज भी स्वच्छता को लेकर पंजाब पुलिस के रिटायर्ड डीआईजी, इंदरजीत सिंह सिद्धू (DIG Inderjeet Singh Siddhu) का अलग नजरिया है। उनका मानना है कि वह किसी पर स्वच्छता को लेकर दबाव नहीं डालना चाहते। लेकिन गंदगी को कम करने में उनके प्रयास लगातार जारी हैं। यही कारण है कि रिटायरमेंट के बाद वह शहर को चमकाने की दिशा में बढ़ गए हैं।
पूर्व डीआईजी ने एक छोटी, लेकिन प्रेरणादायक पहल के साथ शहर को बदलने का सफर शुरू किया है। वह लोगों को कुछ सिखाना नहीं चाहता। बल्कि अपने ही प्रयासों के बूते शहर को स्वच्छ रखना चाहते हैं।
इंदरजीत सिंह कहते हैं कि लोगों को मैं कोई शिक्षा नहीं देना चाहता, लोग समझदार हैं। अभी चंडीगढ़ को साफ-सफाई के मामले में दूसरा स्थान हासिल हुआ है। लेकिन दो नंबर का हाल देख लो कैसा है। इसलिए हमें स्वच्छता को लेकर प्रयास जारी रखने चाहिए। चंडीगढ पहले से बहुत मशहूर है प्रताप सिंह कैरों, जवाहरलाल नेहरू आदि ने इंद्रजीत रंधावा ने इसे संभाला है।
पूर्व डीआईजी ने कहा कि कूड़ा नहीं होना चाहिए। इसलिए जहां भी कचरा मिलता है मैं उसे खुद ही उठा लेता हूं। बच्चों और युवाओं को क्या संदेश देना चाहेंगे के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज कल के बच्चे सब जानते हैं कि हमें सफाई रखनी चाहिए और बच्चों को यह सिखाया भी जाता है। घर को कोई गंदा नहीं करता। लेकिन आम जगहों पर पता नहीं लोग क्यों गंदगी फैलाते हैं।
ये पूछने पर कि लोगों की आपके मिशन को लेकर क्या प्रतिक्रिया है, इसके जवाब में इंदरजीत सिंह कहते हैं कि जब मैंने यह पहल की तो लोग कहते थे बावला है। लेकिन अब लोगों ने कहना बंद कर दिया है फिर भी लोग गंदगी फेंकने से बाज नहीं आते।
लोग कूड़ा फैलाते हैं तो मैं उसे उठाकर अपने थैले में रख लेता हूं। मुझे बस सफाई से मतलब है। वह कहते हैं कि जनता अपने शहर को नंबर बन बनाए और अगर नहीं बनाना चाहते वो उनकी मर्जी। मैं यह काम तीन चार साल से कर रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा।
इंद्रजीत सिंह कहते हैं कि मेरे मन मैं बहुत पहले से था कि मैं यह शुरुआत करूं। लेकिन मुझे प्रेरणा अमेरिका से मिली। दरअसल, मैं एक बार अमेरिका गया था। मैं लड़के के साथ कार में जा रहा था। तभी मैंने अपने हाथ में मौजूद कागज खिड़की से बाहर फेंकना चाहा। लेकिन तभी उसने मेरा हाथ पकड़ लिया।
इंद्रजीत सिंह कहते हैं कि वह लड़का मेरी बहुत इज्जत करता है और इसने मेरा हाथ पकड़ लिया क्योंकि मैं गलत काम कर रहा था। ऐसा इंडिया में भी तो हो सकता है। हमें कूड़ा फैलाने से रोकना चाहिए और अगर लोग नहीं रुकते तो वह कचरा हमें खुद उठना चाहिए।
पीएम मोदी की अच्छी बात है कि उन्होंने सफाई अभियान चलाया था। लेकिन पीएम मोदी के बोलने से कुछ नहीं होता। दुनिया बुहत समझदार है अगर मन में आए तो सफाई होगी नहीं तो कोई बात नहीं।